नई दिल्ली: पुणे में शंकर दिनकर काने की 100वीं जयंती पर पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस अवसर पर कहा की शंकर दिनकर 1971 तक मणिपुर में बच्चों को शिक्षित करने के अभियान में जुटे. संगठन के कार्यकर्ता तमाम चुनौतियों और सुरक्षा की गारंटी न होने के बावजूद संघर्षग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में डटे हैं.
मणिपुर में NGO सब कुछ नहीं संभाल सकते. संघ मणिपुर की स्थिति सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. संघ सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है. स्वयंसेवकों ने लोगों का विश्वास हासिल कर लिया है. स्थानीय लोगों ने सालों से संघ के काम को देखा है. इसलिए विश्वास किया है.
मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई है. स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है. वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है. इन सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता कोशिश कर रहे हैं की दोनों गुटों की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं.
कार्यकर्ता न तो वहां से भागे. न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे. वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और' राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं.