महुवा: विक्रम लैंडर के बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरने के ऐतिहासिक क्षण पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचरितमानस के प्रतिपादक मोरारी बापू, जिन्होंने चंद्रयान-३ मिशन की सफलता के लिए अथाग प्रार्थना की थी, खुशी से झूम उठे.
महुवा में कैलाश गुरुकुल में तुलसी जन्मोत्सव में भाग ले रहे मोरारी बापू ने कहा, “हमारे तुलसी जयंती समारोह के बीच, हमने एक महत्वपूर्ण घटना देखी जब विक्रम लैंडर धीरे-धीरे चंद्रमा की सतह पर उतरा. इस क्षण ने हम सभी का दिल गर्व से भर दिया है. ठीक 400 साल पहले धरती ने तुलसीदास जी के रूप में चंद्रमा का जन्म देखा था और आज तुलसी जयंती के पावन अवसर पर चंद्रयान ने चंद्रमा पर अपने पहले कदम रखे हैं.”
मोरारी बापू ने यह भी कहा कि उन्हें मिशन की सफलता को लेकर पूरा भरोसा था क्योंकि साधु-संतों समेत पूरा देश इसके लिए उत्साहपूर्वक दिल से प्रार्थना कर रहा था.
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर भगवान हनुमान के चरणों में प्रार्थना करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इसरो के वैज्ञानिकों, १४० करोड़ भारतीयों और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, जिनके नेतृत्व में हमने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं.”
मोरारी बापू के आह्वान पर जय सिया राम, वंदे मातरम, भारत माता की जय, जय हिंद और जय भारत के नारे हवा में गूंज उठे.
इससे पहले बुधवार दिन में, मोरारी बापू ने विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और चंद्रयान-३ मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की.
चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश है. मिशन की सफलता का मतलब है कि भारत ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहे एक विशिष्ट क्लब में स्थान प्राप्त कर लिया है. क्लब के अन्य सदस्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन हैं.