जयपुर: हाथी गांव में हथिनी नंबर 57 लक्ष्मी की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. हथिनी मलिक सद्दीक खान ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर जो शिकायत भेजी है उसके बाद से पूरे वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल सीसीटीवी फुटेज, ऑडियो रिकॉर्डिंग और मौके से मिले सबूत से आशंका व्यक्त की जा रही है कि हथिनी लक्ष्मी को जहर दिया गया था. महावत के वकील मोहम्मद असलम का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से खुशी गुप्ता, डॉ मणिलाल और डॉ चावला हथनी संख्या 44 को बेचने के लिए सद्दीक खान पर दबाव बना रहे थे.
सद्दीक के मना करने के बाद ही इस षड्यंत्र की शुरुआत हुई. मोहम्मद असलम का कहना है कि सोमवार को रात सुरेश जागा नाम का एक व्यक्ति हाथी गांव पहुंचा और हथिनियों के बाड़े में उसने आटे के गले में जहर मिलाकर उनके थान में डाल दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि वहां हथिनी नम्बर 57 लक्ष्मी, नंबर 63 जयंती, नंबर 39 मोहिनी और नंबर 87 फूल कली ने जहरीला भोजन खा लिया. इस जहरीले खाने से लक्ष्मी की मंगलवार को मौत हो गई जबकि तीन अन्य हथिनी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है.
पूरे मामले में वन विभाग के मेडिकल बोर्ड पर भी उंगलियां उठ रही हैं. मेडिकल बोर्ड ने लक्ष्मी की मौत कार्डियक अरेस्ट से होना बताया है जबकि मौके पर जहर मिले आटे का गोले और सीसीटीवी फुटेज कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. हालांकि मेडिकल बोर्ड के चिकित्सक डॉ अरविंद माथुर, डॉ अशोक तंवर और डॉ नीरज शुक्ला कुछ भी कहने से बच रहे हैं और सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजने की कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन मौके से मिले सबूत इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि वन विभाग के मेडिकल बोर्ड द्वारा मामले पर पर्दा डाला जा रहा है. अब पूरे मामले में पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच की अपील की गई है साथ ही महावर्तों द्वारा एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई भी की जा रही है.