जयपुरः मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिबद्धता और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों ने राजस्थान की तस्वीर बदल दी है. इन नवाचारों से न केवल आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगी हैं, बल्कि कई मानकों में राजस्थान राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. फिर चाहे बेरोजगारों को नौकरी देने की बात हो या जरूरतमंद लोगों को निशुल्क उपचार, सरकार की योजनाओं से ग्रामीण से लेकर शहरी और रेगिस्तानी इलाकों से लेकर आदिवासी अंचलों तक करोड़ों लोग लाभांवित हुए है. आखिर क्या चिकित्सा क्षेत्र में भजनलाल सरकार के नवाचारों की तस्वीर.
मुख्यमंत्री भजललाल शर्मा ने सत्ता संभालने के साथ ही गरीब, किसान, जरूरतमंद और बेसहारा लोगों के प्रति अपनी सोच साफ कर दी थी. ये ही वजह थी कि सत्ता संभालने के चार माह बाद विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर 'निरामय राजस्थान अभियान' का भव्य किया गया. अभियान का उद्देश्य रखा गया हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और उनका निरोग जीवन सुनिश्चित हो. अभियान के तहत रामाश्रय वार्ड, मिशन मधुहारी, मिशन लीवर स्माइल, स्तनपान प्रबंधन इकाइयां, हीमोडायलिसिस वार्ड, मुख्यमंत्री आयुष्मान आदर्श ग्राम पंचायत योजना, स्वस्थ नारी चेतना अभियान, निरामय राजस्थान अभियान, मिशन ओबीलॉस सहित कई ऐसे नवाचार सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं, जिनसे प्रदेश में सेहत की तस्वीर में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. विभाग के आंकड़ों को देखे तो 50 लाख रोगियों को मा योजना में 1900 करोड़ रुपए का कैशलैस इलाज उपलब्ध कराया गया, साथ ही लम्बे समय से इंतजारत 28 हजार से अधिक बेरोजगारों को नौकरी का तोहफा दिया गया. रिम्स की स्थापना से प्रदेश की जनता को एक छत के नीचे बेस्ट स्पेशिलिटी सेवाएं देने की राह साफ की गई. इसके अलावा डिजिटल हेल्थ की दिशा में भी ऐतिहासिक काम करके राजस्थान ने कीर्तिमान स्थापित किया है. आइए आपको बताते है कि किस तरह निरामय हो रहा राजस्थान.
राजस्थान के हर मरीज की जरूरत पूरी कर रही "मा"
भजनलाल सरकार में चिकित्सा विभाग के दो साल बेमिसाल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में हुए कई महत्वपूर्ण काम
मा योजना बनी जीवनदायनी,जिसमें ढाई लाख गंभीर रोगियों को मिला नया जीवन
दो साल के कार्यकाल के दौरान करीब 50 लाख रोगियों से उठाया योजना से लाभ
इन मरीजों को सरकारी और निजी अस्पतालों में मिला 1900 करोड़ रुपए का कैशलैस इलाज
इनमें हृदय रोग के 1 लाख 23 हजार, कैंसर के 96 हजार, डायलिसिस के 20 हजार, डायबिटीज के 6700,
कॉकलियर इम्पलांट के 452, बोनमेरो के 300, किडनी ट्रांसप्लांट के 760 एवं लीवर ट्रांसप्लांट के 77 रोगी शामिल
कैंसर रोगियों को करीब 800 करोड़, हृदय रोगियों को करीब 850 करोड़ एवं
डायलिसिस के रोगियो को करीब 200 करोड़ रूपए की लागत से उपलब्ध कराया गया कैशलेस उपचार
सीएम की मंशा के अनुरूप योजना में सबसे पहले कैंसर के 73 नए डे केयर पैकेज जोड़े गए
इसके बाद इसमें चरणबद्ध रूप से जीरियाट्रिक केयर पैकेज, किशोरों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए पैकेज,
ओरल कैंसर, विशेष योग्यजनों के लिए नए पैकेज,रोबोटिक सर्जरी,न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी एण्ड स्किन ट्रांसप्लाट,
कार्डियोथोरेसिक एण्ड वेस्कुलर सर्जरी तथा आयुष सहित अन्य ऐसे मेडिकल पैकेज शामिल किए
जिनका खर्च उठाना गरीब परिवार के बूते से था बाहर, लेकिन अब वे सभी ले रहे योजना में फ्री इलाज
पिछली सरकार की योजना में 1800 पैकेज के मुकाबले बढ़ाए पैकेज, अब करीब 2200 पैकेज में मिल रहा इलाज
युवाओं को रोजगार देने का वादा "खरा"
भजनलाल सरकार में चिकित्सा विभाग के दो साल बेमिसाल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में हुए कई महत्वपूर्ण काम
काफी कम समय समें 35 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी
इस दौरान 28 हजार से अधिक बेरोजगारों को मिली नियुक्ति पत्र जारी
अराजपत्रित संवर्ग में 20 हजार 630 पद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 10 हजार 657 पद,
मेडिकल ऑफिसर के 1700 पद तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग 2300 से अधिक पदों पर भर्ती पूरी
इसके साथ ही विभाग 15 हजार पदों पर भर्तियां जल्द पिटारा खोलने की तैयारी
सबसे खास बात ये कि नवचयनित अभ्यर्थियों को पोर्टल के माध्यम से दी गई पोस्टिंग
"मेरिट कम च्वाइस" के आधार पर नियुक्त देकर "करप्शन" की आशंका पर लगाई लगाम
एक क्लिक पर मिलने लगा मरीज का हेल्थ रिकॉर्ड
भजनलाल सरकार में चिकित्सा विभाग के दो साल बेमिसाल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में हुए कई महत्वपूर्ण काम
चिकित्सा विभाग ने अब किया आईएचएमएस में आभा आईडी का उपयोग अनिवार्य
इस कवायद के बाद मरीज-चिकित्सक को मोबाइल पर मिलेगा हेल्थ रिकॉर्ड
इसके साथ ही हर नागरिक का रिकॉर्ड रहेगा सुरक्षित, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सुगम
मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत जो लोग रहे स्वास्थ्य सेवाएं
उनका पंजीकरण अब आभा आईडी के माध्यम से अनिवार्य रूप से किया जाएगा
सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि.....
प्रत्येक ओपीडी और आईपीडी पंजीकरण के समय मरीज की आभा आईडी बनाई और लिंक की जाए
इस निर्णय से सभी को‘एक देश,एक स्वास्थ्य आईडी’के सिद्धांत के तहत मिलेगी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं
"एम्स" की तर्ज पर बन रहा "रिम्स" देगा राजस्थान को नई पहचान
भजनलाल सरकार में चिकित्सा विभाग के दो साल बेमिसाल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में हुए कई महत्वपूर्ण काम
इसमें सबसे महत्वपूर्ण है राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की स्थापना
घोषणा के तहत विधानसभा में पेश हो चुका 'राज.इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज,विधेयक’
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली की तर्ज पर विकसित होगा रिम्स
रिम्स में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी,
एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस एवं ट्रांसप्लांट यूनिट जैसी मिलेगी सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं
पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, जेरियाट्रिक,रूमेटोलॉजी, रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी, जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी,
न्यूक्लियर मेडिसिन, स्लीप मेडिसिन, क्रिटिकल केयर जैसी अनेक सब-स्पेशियलिटी भी रहेगी मौजूद
रामाश्रय में 20 लाख बुजुर्गों को मिली बेस्ट हेल्थ केयर !
भजनलाल सरकार में चिकित्सा विभाग के दो साल बेमिसाल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में हुए कामों का रिपोर्ट कार्ड
सीएम भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप जिला अस्पतालों में शुरू किए गए रामाश्रय वार्ड
विभाग ने 14 मार्च, 2024 से प्रदेश के जिला अस्पतालों में बुजुर्गों के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल और
अस्पतालों में सम्मानपूर्वक उपचार के लिए रामाश्रय वार्डों का शुभारम्भ किया था
काफी कम समय में वृद्धजनों के लिए स्वास्थ्य का अनुपम उपहार साबित हो रहे रामाश्रय वार्ड
विभागीय आंकड़ों को देखे तो अभी तक 18 लाख बुजुर्गों ने ओपीडी सेवाओं का लिया लाभ
जबकि 1 लाख 5 हजार से अधिक वृद्धजनों को आईपीडी सेवाओं में मिला विशेष लाभ
करीब 12 लाख 20 हजार लैब टेस्ट इन वार्डों के माध्यम से किए गए हैं
साथ ही, 27 हजार से अधिक रोगियों को फिजियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है
अब अज्ञात, बेसहारा और अनाथ रोगियों को मिल रहा नि:शुल्क इलाज
भजनलाल सरकार में चिकित्सा विभाग के दो साल बेमिसाल !
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में हुए कामों का रिपोर्ट कार्ड
अब अज्ञात, बेसहारा और अनाथ रोगियों को मिल रहा नि:शुल्क इलाज
पहचान पत्र के अभाव में योजनाओं का नहीं मिल पाता था लाभ
लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसे जरूरतमंदों लोगों के लिए शुरू की गई सेवा
चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच एमओयू
जिसके तहत अब रजिस्टर्ड ट्रस्ट या एनजीओ के प्रमाण पत्र से मिल रहा मरीजों को इलाज
दरअसल,रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर असहाय,
मानसिक रूप से अक्षम, लावारिस या अज्ञात रोगी बेसहारा स्थिति में पाए जाते थे
ऐसे व्यक्तियों को धर्मार्थ ट्रस्ट या एनजीओ द्वारा चिकित्सालयों में लाया जाता था,
लेकिन पहचान पत्र(आधार/जन आधार/अन्य) के अभाव में उन्हें आयुष्मान आरोग्य योजना या
अन्य योजनाओं में निःशुल्क इलाज, ऑपरेशन या इंप्लांट लगाया जाना संभव नहीं हो पाता था
योजनाओं का लाभ लेने के लिए राजस्थान का निवासी एवं कोई पहचान पत्र होना आवश्यक है
पेलिएटिव केयर में बेस्ट प्रैक्सिसेज के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मिला सम्मान
भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर मिला राजस्थान को तीसरा स्थान
इसके अलावा मिशन मधुहारी, मिशन लीवर स्माइल, स्तनपान प्रबंधन इकाइयां,
हीमोडायलिसिस वार्ड, मुख्यमंत्री आयुष्मान आदर्श ग्राम पंचायत योजना,
स्वस्थ नारी चेतना अभियान, निरामय राजस्थान अभियान, मिशन ओबीलॉस सहित
कई ऐसे नवाचार सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं, जिनसे बदली सेहत की तस्वीर
चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा विभाग के दो साल के बेहतरीन कार्यकाल में जिस तरह से बेरोजगारों को नौकरियां मिली है, उससे युवाओं की उम्मीदें और बढ़ गई है. अभी भी विभाग में हजारों की संख्या में पद खाली चल रहे है,जिसको देखते हुए चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने साफ निर्देश दिए है कि सभी पदों को जल्द भरा जाए. यदि इस प्रयास को जल्द अंतिम रूप दिया गया तो निश्चिततौर पर अस्पतालों की सेवाओं में आमूलचुल बदलाव दिखेगा.