जयपुर: सचिवालय में सीएम की बजट घोषणा अनुसार बनने वाले हाईटेक भवनों के निर्माण का प्लान अब बदल दिया गया है. कार्मिक विभाग के अधिकारियों और पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव की ओर से इस नए प्लान की रूपरेखा तैयार की गई है. इसके तहत डीआईपीआर का मुख्य भवन सचिवालय परिसर से बाहर जाना तय है तो वहीं सरस कैंटीन के पास भी नया भवन बनना प्रस्तावित है.
सचिवालय के लिए 23 मई 2022 को सीएम गहलोत ने सचिवालय में कक्षों की कमी के मद्देनजर ग्राउंड फ्लोर मिलाकर 5 मंजिला नया भवन बनाने की घोषणा की थी. इस भवन में बड़ा ऑडिटोरियम होने की भी बात कही गई. इसे लेकर रूपरेखा तैयार है और विस्तृत प्लान की तैयारी है.
क्या है इस प्रस्ताव में ?
करीब 130 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा नया भवन
मुख्य सचिव और उनके कार्यालय के लिए होगा पूरा अलग गलियारा
सचिवालय में ही बनेगा अलग भवन
वित्त विभाग,गृह,कार्मिक विभाग हो सकते यहीं शिफ्ट
पंचायती राज खंड से पूर्व तक के भवनों और कैंटीन्स का हिस्सा आएगा इस दायरे में
आईटी भवन तक 50 हजार वर्ग फीट में बनेगा नया भवन
कैंटीन,डिस्पेंसरी,पानी की टंकी आएगी इस दायरे में
नए भवन में दो बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर के साथ पांच मंजिल होंगी
पंचायती राज खंड के बाद से आईटी भवन तक 50 हजार वर्ग फीट में बनेगा नया भवन
एक कैंटीन और एक हाईटेक ऑडिटोरियम का निर्माण भी होगा.
इसमें पार्किंग भी बनाने का है प्रस्ताव
इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने के लिए हो गया है सर्वे भी
इसके साथ-साथ दूसरे भवन की रूपरेखा तैयार
इस प्लानिंग में डीआईपीआर का मुख्य भवन सचिवालय परिसर से जाएगा बाहर
इसके लिए जालुपुरा के पास,टैक्नोहब और सीतापुरा में जमीन चिन्हित की जा रही है.
150 करोड की लागत से बनने वाला यह डीआईपीआर भवन भी होगा हाईटेक
जिसमें ऊपरी मंजिल पर सोश्यल मीडिया के लिए होगा वर्किंग स्टेशन जिसमें प्लग एंड प्ले की होगी सुविधा
नीचे दो मंजिलों में डीआईपीआर के अधिकारियों के लक्जरी चैम्बर और कक्ष बनाए जाएंगे.
ग्राउंड फ्लोर में इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के हिसाब से बनेगा भव्य स्टूडियो.
इससे सुजस बुलेटिन और अन्य स्टोरी,खबरों,स्पेशल फीचर का हो सकेगा प्रसारण.
इसमें वॉइस ओवर सहित अन्य तमाम तरह की होंगी सुविधाएं.
इस भवन में पार्किंग और कैफेटीरिया बनना भी है प्रस्तावित.
प्लानिंग के तहत डीआईपीआर के शिफ्ट होने पर निदेशक या आयुक्त का कक्ष रहेगा वहीं.
यहां रोजाना आयुक्त आकर अपना कामकाज संभालेंगे.
साथ ही सचिवालय से जुड़े जनसंपर्क अधिकारी के लिए भी मौजूदा निदेशक के चैम्बर के पास होगी जगह.
यहीं खबरों के लिए कैमरापर्सन भी रहेंगे उपलब्ध.
लेकिन तमाम प्रशासकीय कामकाज नए भवन में होगा शिफ्ट.
इस खाली जगह को खुला छोड़कर पार्क आदि किया जा सकता है विकसित.
साथ ही सरस कैंटीन से लेकर पंजीयक कार्यालय के बीच की जगह में भी भवन बनना प्रस्तावित.
इस भवन में वित्त,कार्मिक,गृह और सीएस ऑफिस के अलावा अन्य ऑफिस हो सकेंगे शिफ्ट.
अभी क्यों महसूस की जाती है कमी ?
सचिवालय अभी मुख्य रूप से चार हिस्सों में बंटा हुआ है
मुख्य भवन, फूड बिल्डिंग, एसएसओ बिल्डिंग और पंचायती राज खंड हैं सचिवालय में
इसके साथ मंत्रालयिक भवन,सीएमओ भी हैं सचिवालय में
मुख्य भवन में करीब ढाई हजार कार्मिक बैठते हैं
वहीं, फूड बिल्डिंग में एक हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं
एसएसओ बिल्डिंग में करीब 800 कर्मचारी काम करते हैं
वहीं 300 से ज्यादा कार्मिक पंचायती राज खंड में बैठते हैं
लेकिन अभी है सचिवालय में कक्षों की खासी कमी
यहां तक कि कुछ विभागों में DS स्तर के अधिकारी को भी नहीं कक्ष आवंटित
कई बार ट्रांसफर होकर आए IAS को भी मुश्किल से मिलता है कक्ष
इसके साथ सचिवालय के अभी के भवनों के मुख्य चारों खंड हैं पुराने
कई बार बारिश में छत टपकने, फॉल सीलिंग गिरने की आती है समस्या
वहीं सबसे बड़ा सरकारी भवन होने के बावजूद सचिवालय में नहीं है ऑडिटोरियम
इसी कमी के मद्देनजर सीएम गहलोत ने की है ऑडिटोरियम सहित बड़े भवन की घोषणा
अब क्या आ रही है समस्या ?
सचिवालय में नए भवन की भेंट चढ़ेंगी कैंटीन और डिस्पेंसरी
इसके साथ ही अभिलेखागार में हैं बेशकीमती दस्तावेज
राजा-महाराजाओं के समय की बेशकीमती जमीनों के हैं दस्तावेज
अगर अभी अभिलेखागार भवन को तोड़ा गया तो हो सकती समस्या
बेशकीमती दस्तावेजों की सार-संभाल की आ सकती है समस्या
अभिलेखागार भवन में ही है डिस्पेंसरी
इसमें हैं करोडों के जांच उपकरण जिनकी शिफ्टिंग में है समस्या
3 कैंटीन्स,डिस्पेंसरी और अभिलेखागार का निर्माण करना पड़ेगा ध्वस्त
डिस्पेंसरी को स्वागत कक्ष के पास शिफ्टिंग की है प्लानिंग
सबसे ज्यादा समस्या है अभिलेखागार की
अभिलेखागार,अन्य शाखा मिलाकर हजारों कर्मचारी हो सकते प्रभावित
इस निर्माण की जद में आनेवाले भवन की क्षमता और कर्मियों का हुआ है सर्वे
अभिलेखागार कार्यालय के स्टाफ और अन्य प्रशासनिक ढांचे का भी लिया है प्लान
अब जल्द किए जा सकते हैं टेंडर
पहले प्लान ए के तहत सचिवालय कर्मचारी संघ की कैंटीन से लेकर पानी की टंकी तक का क्षेत्र ही खाली कराना था,लेकिन अब एक साथ दोनों भवनों की प्लानिंग क्रियान्वित हो रही है. सीएस इसकी हर सप्ताह मॉनिटरिंग कर रहीं हैं.