हिरोशिमा (जापान): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जापान में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कुछ विशिष्ठ जापानी लोगों से मुलाकात की और कहा कि इस तरह की बातचीत से दोनों देशों के बीच आपसी समझ, सम्मान और मजबूत संबंध बनाने में मदद मिलेगी.प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर हिरोशिमा आए हैं. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने प्रमुख जापानी हस्तियों डॉ. तोमियो मिज़ोकामी और हिरोको ताकायामा से मुलाकात की, जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किये हैं.
ओसाका विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ फॉरेन स्टडीज में ‘प्रोफेसर एमेरिटस’ डॉ. तोमियो मिजोकामी एक प्रसिद्ध लेखक और भाषाविद् हैं तथा हिंदी और पंजाबी भाषाओं के विशेषज्ञ हैं. जापान में भारतीय साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए डॉ. तोमियो मिजोकामी को 2018 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. बयान के अनुसार, उन्होंने व्यापक रूप से प्रशंसित लेखन संग्रह ‘ज्वालामुखी’ प्रस्तुत की, जो 1980 के दशक के जापानी विद्वानों के एक समूह, जिन्होंने जापान में हिंदी सीखने की नींव रखी थी, द्वारा लिखी गई रचनाओं का संकलन है.प्रधानमंत्री मोदी ने हिरोको ताकायामा से भी मुलाकात की, जिनका जन्म हिरोशिमा में हुआ था. वह पश्चिमी शैली की चित्रकार हैं, जिनकी रचनाएं दो दशकों से अधिक समय तक भारत के साथ उनके गहरे लगाव से प्रभावित हैं. उन्होंने भारत में कई कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां आयोजित की हैं और अल्प काल के लिए विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांति निकेतन में ‘विजिटिंग प्रोफेसर’ भी थीं.
बयान के अनुसार, उन्होंने प्रधानमंत्री को अपनी प्रमुख कृतियों में से एक - 2022 में निर्मित भगवान बुद्ध का तैल चित्र प्रस्तुत किया.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस तरह की बातचीत से दोनों देशों के बीच आपसी समझ, सम्मान और मजबूत संबंध बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने इस तरह के समृद्ध वैचारिक आदान-प्रदान के और अवसरों के प्रति आशान्वित होने की बात कही, जो भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी संबंधों को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं.इससे पहले, सुबह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ समकालीन क्षेत्रीय विकास एवं हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत होते सहयोग पर चर्चा की. इस दौरान, दोनों नेताओं ने हरित हाइड्रोजन, उच्च प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया. सोर्स भाषा