जयपुर: प्रदेश की राजधानी जयपुर के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर महत्वपूर्ण 200 फीट पट्टी की बेशकीमती जमीन के मामले को लेकर जेडीए अब जाकर हरकत में आया है. जेडीए ने यह भूमि अपनी मानते हुए इस पर किए निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस जारी कर दिया है, लेकिन यह मामला जेडीए अधिकारियों की भूमिका पर कई सवाल खड़े करता है. यह मामला है राजधानी के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर जवाहर सर्किल के पास स्थित पंचशील एनक्लेव का. जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर जवाहर सर्किल से महावीर पार्क तक दोनों तरफ 200 फीट चौड़ाई में पट्टी निर्धारित है. इसी पट्टी में शामिल इस करीब 12 हजार वर्गगज भूमि पर कब्जा किया जाता रहा है. पहले यहां चारदिवारी बना ली गई. इसके बाद फिर कोठरी का निर्माण कर लिया गया. लेकिन जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी मूक दर्शक बने रहे. जब मामला उजागर हुआ तो जेडीए के दबाव में खुद निर्माणकर्ता की ओर से कोठरी का निर्माण हटाने का काम शुरू किया गया.
साथ ही जेडीए के जोन कार्यालय ने यह निर्माण जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी में मानते हुए उसे तोड़ने की सिफारिश प्रवर्तन शाखा को कर दी है. इस पर जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने जेडीए एक्ट की धारा 72 के तहत भूमि पर किए गए चारदिवारी व अन्य निर्माण को हटाने के लिए प्रभावित पक्ष को नोटिस जारी कर दिया है. इस धारा के तहत जेडीए स्वामित्व की भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए नोटिस दिया जाता है. इस मामले में जेडीए इस भूमि को अपनी मानता है. इस नोटिस में प्रभावित पक्ष को अपने स्तर पर निर्माण हटाने के लिए 18 अगस्त तक का समय दिया गया है.
क्या है पूरा मामला:
- मालवीय नगर गृह निर्माण सहकारी समिति ने यहां पंचशील एनक्लेव योजना सृजित की थी
- योजना के नियमन के लिए गृह निर्माण सहकारी समिति ने जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी के लिए भूमि समर्पित की
- दिसंबर 1992 में समर्पण विलेख के माध्यम से समिति ने जेडीए को यह भूमि समर्पित की
-उप रजिस्ट्रार सहकारी समिति जयपुर शहर ने इस सहकारी समिति को लेकर 30 नवंबर 2017 जांच परिणाम जारी किया
-इस जांच में कहा गया कि जेएलएन मार्ग की 200 फीट पट्टी पर समिति ने 26 भूखंडों का सृजन किया है
-इस जांच में इन भूखंडों के सृजन को अवैध मानते हुए कहा गया कि इनका नियमन नहीं किया जा सकता
-जांच में यह भी कहा गया कि इस भूमि का उपयोग सामूहिक हित के रूप में ही किया जा सकता है
-समिति की ओर से सृजित इन भूखंडों के जारी नाम हस्तांतरण पत्रों को जेडीए ने निरस्त कर दिया
-नाम हस्तांतरण की कार्यवाही पर स्थानीय निवासी हनुमान सिंह ने आपत्ति की थी
-इस आपत्ति पर जेडीए के उप रजिस्ट्रार सहकारिता ने आदेश जारी कर नाम हस्तांतरण की कार्यवाही को निरस्त किया
-इस आदेश में कहा गया कि सहकारी समिति के पर अवसायक नियुक्त था
-इसके बावजूद समिति ने आवेदक के पक्ष में गलत व झूठा पत्र जारी किया
-इस आदेश में उप रजिस्ट्रार की जांच कहा हवाला देते हुए कहा गया
-समिति की ओर से 200 फीट की पट्टी में पट्टे जारी नहीं किए जा सकते
जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित 200 फीट चौड़ी पट्टी में शामिल इस 250 करोड़ रुपए बाजार भाव की भूमि पर कब्जे के लगातार कोशिश की जाती रही है. मामला जेडीए अपीलीय अधिकरण में भी गया. अब भले ही भूमि पर किए गए निर्माण को हटाने के लिए जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने नोटिस जारी कर दिया हो. लेकिन इस पूरे मामले में जेडीए अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं.
मामले में अब तक ये हुआ:
-इस वर्ष की शुरूआत में इस भूमि पर कब्जे की कोशिश के लिए चारदिवारी का निर्माण किया गया
-इस निर्माण के खिलाफ पंचशील एनक्लेव विकास समिति ने जेडीए में शिकायत की
-शिकायत पर जेडीए ने 16 फरवरी 2023 को चारदिवारी के निर्माण को ध्वस्त कर दिया
-इस दौरान जेडीए के तत्कालीन मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन ने निर्देश दिए
-प्रवर्तन अधिकारी को भूमि की निगरानी करने और भविष्य में निर्माण नहीं करने देने के निर्देश दिए
-प्रभावित पक्ष बाद में जेडीए अपीलीय अधिकरण में चला गया
-जेडीए अपीलीय अधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि भूमि पर चारदिवारी बनाई जा सकती है
-लेकिन चारदिवारी का निर्माण निर्माणकर्ता अपने रिस्क पर करेगा
-अधिकरण ने यह भी स्पष्ट कहा कि यह निर्माण अगर विधि के अनुसार नहीं तो
-जेडीए विधिक प्रक्रिया अपनाकर इस निर्माण को ध्वस्त करने के लिए स्वतंत्र है
-साथ ही अधिकरण ने यह भी हिदायत दी कि चारदिवारी के अलावा कोई और निर्माण नहीं होगा
-अधिकरण ने 28 मार्च 2023 को यह आदेश दिए थे
-लेकिन इन साढ़े चार महीनों में भूमि पर चारदिवारी का निर्माण कर लिया गया
-अधिकरण की मनाही के बावजूद वहां कोठरी का भी निर्माण कर लिया और पशुओं का बाड़ा भी बना लिया
-इन साढ़े चार महीनों में जेडीए के जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बने रहे
-जब मामला खुला तब जाकर जेडीए के जोन कार्यालय ने निर्माण हटाने की सिफारिश प्रवर्तन शाखा को भेजी
पंचशील एनक्लेव के भूखंडधारियों की ओर से लगातार कॉलोनी के नियमन की मांग की जाती रही है. लेकिन बरसों पुरानी यह मांग अब तक पूरी नहीं हुई है. जेएलएन मार्ग के दोनों तरफ 200 फीट पट्टी की बेशकीमती भूमि को लेकर जेडीए कितना सजग है, यह मामला उसकी एक नजीर है.