जयपुर: चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े अस्पतालों के मरीजों की इन दिनों दिक्कतें बढी हुई है.एक तरफ योजना के क्रियान्वयन के लिए उपयोग आ रहे सॉफ्टेवयर की दिक्कतें और दूसरी तरफ योजना में काम कर रहे मार्गदर्शकों का आंदोलन.ऐसे में पिछले दो-तीन दिनों से मरीजों के एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज तक में अधिक समय लग रहा है. आलम यह है कि अस्पतालों में चिंरजीवी योजना के काउंटर पर खासी भीड देखी जा रही है. हालांकि स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी ने जल्द ही तकनीकी खामियों को दूर करने का दावा किया है.
प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल समेत चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में एम्पेनल्ड सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में लाभार्थी मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.अकेले एसएमएस अस्पताल की बात की जाए तो बार-बार सर्वर स्लो होने की समस्या आम बात है.ऐसे में मरीज के एडमिशन के डॉक्युमेंट्स अपलोड नहीं हो पा रहे हैं और न ही डिस्चार्ज के लिए तय दस्तावेज समय पर भेजे जा रहे है.हालांकि, इसके पीछे की एक वजह नए सॉफ्टवेयर की है, लेकिन सच्चाई ये है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में लगे मार्गदर्शकों के आंदोलन का भी खासा असर देखा जा रहा है.संविदा कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर मार्गदर्शक कार्यबहिष्कार की राह पर है.
योजना में मरीजों को आ रही दिक्कतों को स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी ने भी माना है. एजेंसी का दावा है कि जल्द ही इन तकनीकी खामियों को दूर कर लिया जाएगा. एजेंसी में असिस्टेंट कम प्रोग्रामर पकंज शर्मा ने बताया कि योजना में नया सॉफ्टवेयर लाया गया है. उन्होंने बताया कि नया सिस्टम होने के कारण स्वास्थ्य मार्गदर्शक फेमेलियर नहीं हो पाए हैं. सभी स्वास्थ्य मार्गदर्शकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा अस्पतालों में जाकर भी समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है.
योजना में शामिल सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पतालों में दिक्कतें ज्यादा है.बड़े अस्पतालों में तो खुद एजेंसी ने टेक्नीकल सपोर्ट के लिए अस्थाई तौर पर स्टॉफ नियुक्त कर दिया है.लेकिन छोटे निजी अस्पतालों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.हालांकि स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी का दावा है कि जल्द ही खामियों को दुरुस्त किया जा है.