अहमदाबाद: गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत ने राहुल को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के एक निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अर्जी आज खारिज कर दी.
हालांकि, निचली अदालत के आदेश के खिलाफ गांधी की मुख्य याचिका पर सत्र अदालत सुनवाई जारी रखेगी. राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया था. उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था.
मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था:
राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे. गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया. अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये थे. उसने पिछले गुरुवार को दोनों पक्षों को सुना और फैसला 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. सोर्स- भाषा