रिपोर्टर- दिनेश डांगी
जयपुरः लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं में जोश पैदा करने के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का सफर जारी है. यात्रा अब तक यात्रा 10 राज्यों का सफर पूरा कर चुकी है. करीब चार हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करते हुए राहुल गांधी अब तक करीब 148 सीटों को कवर कर चुके है. फिलहाल यात्रा का कारवां उत्तरप्रदेश राज्य से गुजर रहा है. यात्रा से कांग्रेस पार्टी कितने नफे और नुकसान में रही, देखिए यह हमारी खास रिपोर्ट.
लोकसभा चुनाव 2024 की जंग सिर पर है. लिहाजा तमाम सियासी दल चुनावी मैनेजमेंट में अभी से जुट गए है. बात लगातार दो लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामने करने वाली कांग्रेस पार्टी की करें तो राहुल गांधी न्याय यात्रा के जरिए माहौल बनाने में जुटे हैं. मणिपुर से शुरु हुई यात्रा अगले माह महाराष्ट्र में समाप्त होगी. दरअसल कांग्रेस ने यात्रा का सैकंड पार्ट लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में जोश औऱ जज्बा जगाने के लिए किया.
यात्रा अब तक मणिपुर,नागालैंड,मेघालय,अरुणाचल प्रदेश,असम,बिहार,बंगाल,उड़ीसा और छत्तीसगढ़ राज्यों से गुजर चुकी है. फिलहाल 11 वें राज्य यूपी में यात्रा जारी है. उसके बाद यात्रा मध्यप्रदेश,राजस्थान और गुजरात होते हुए महाराष्ट में समाप्त होगी. यात्रा को अभी 38 दिन पूरे हो चुके है और राहुल गांधी करीब 4 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा पूरी कर चुके है. यानि इन दस राज्यों में करीब 148 लोकसभा सीट राहुल कवर कर चुके हैं.
अब बात राहुल गांधी की इस यात्रा से खुद राहुल गांधी,पार्टी और कार्यकर्ताओं को कितना फायदा हुआ. जानकारों का यात्रा को लेकर अलग अलग मत है. कईं एक्सपर्ट ने यात्रा कि टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि चुनाव से एनवक्त पहले यात्रा शुरु करने से अन्य रणनीतियां इससे प्रभावित हुई है. वहीं यात्रा के दौरान नीतिश कुमार इंडिया गंठबंधन छोड़कर चले गए तो बैक टू बैक कईं कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया. लिहाजा कह सकते हैं कि यात्रा से कांग्रेस को कोई खास सियासी फायदा बिल्कुल होता नहीं दिख रहा. यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सबसे ज्यादा जोर दिया. वहीं सत्ता में आने पर एमएसपी पर गारंटी कानून लाने और आरक्षण की सीमा बढाने जैसे वादे भी मतदाताओं को लुभाने के लिए किए.
यात्रा के पहले चरण के मुकाबले दूसरा फेज कह सकते है फिलहाल तो फीका ही नजर आ रहा है. कोई खास रिस्पॉन्स इस बार यात्रा को लेकर जनता में नहीं है. लेकिन राहुल गांधी की यात्रा सफर फिर भी जारी है. खैर,चुनाव परिणाम से यह जाहिर हो जाएगा कि राहुल की यात्रा का असर रहा.