Rajasthan Day 2023: राजस्थान दिवस आज, जानिए इतिहास, महत्व और राज्य की खास बातें

Rajasthan Day 2023: राजस्थान दिवस आज, जानिए इतिहास, महत्व और राज्य की खास बातें

जयपुर: आज राजस्थान दिवस है. सतरंगी संस्कृति से लबरेज मरुभूमि में सभी को अपना बनाने की ताकत है. कोरोना के बाद जब देश दुनिया में सांस्कृतिक विरासत को बचाने की जद्दोजहद थी तब राजस्थान लीडर की भूमिका निभाते हुए देश दुनिया को बताया कि कोई भी वायरस, महामारी या अन्य आपदा संस्कृति को छिन्न भिन्न नहीं कर सकती. आइए अब आपको बताते हैं कैसे राजस्थान का गठन हुआ और आधुनिकता के साथ राजस्थान में किस तरह कदमताल की. 

राजस्थान दिवस प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है. आज अल्बर्ट हॉल पर शाम 7:00 बजे एक समारोह रखा गया है जिसमें लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. 30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर वृहत्तर राजस्थान संघ बना था. यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है. राजस्थान अपनी आन, बान, शान शौर्य, साहस, कुर्बानी, त्याग और बलिदान तथा वीरता के लिए सम्पूर्ण विश्व में ख्यात है. इसीलिए इंग्लैण्ड के विख्यात कवि किप्लिंग ने लिखा था, दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है. 

राजस्थान अपनी शानदार संस्कृति व गौरवमयी इतिहास के लिए जाना जाता है. राजस्थान के लोगों को उनके साहस और त्याग के लिए हमेशा याद किया जाता रहा है. राजस्थान के लोग अपनी कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं. भौगोलिक विषमताओं और प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद यहां के नागरिकों की दृढ़ इच्छा शक्ति और आपसी सहयोग से प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो सका है. राजस्थान में गरीब लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सुधार, संसाधनों में वृद्धि और राजनीति, व्यवसाय आदि सभी क्षेत्रों में विकास, हमारी खुशहाली के प्रतीक हैं. 

राजपूताना कहे जाने वाले राजस्थान का इतिहास गौरवशाली रहा:
राजपूताना कहे जाने वाले राजस्थान का इतिहास गौरवशाली रहा है जिस पर हर प्रदेशवासी को गर्व है. मातृ भूमि की रक्षा एवं परम्पराओं तथा संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने में यहां के लोगों ने सदैव पहल की है. राजस्थान की कला, साहित्य और सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि विश्व में अपनी अलग पहचान रखती है. कला-संस्कृति, पर्यटन, व्यापार, खेल और खेती सभी क्षेत्रों में सबसे आगे हैं राजस्थानी. 30 मार्च 1949 को राजपूताने के गठन की प्रक्रिया के साथ ही एक नवम्बर 1956 को राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई. 30 मार्च को प्रदेशवासी राजस्थान दिवस के रूप में मनाते हैं और अतीत के साथ साथ अपने वर्तमान को याद करते हैं. इस अवधि में राजस्थान में हुई प्रगति, विकास और उल्लेखनीय उपलब्धियों का गुणगान करते हैं. राज्य सरकार कई प्रकार के आयोजन कर राजस्थान की वीरता, त्याग और विकास के परिदृश्य की प्रदेशवासियों को जानकारी देती है. 

राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य:
राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. राज्य का क्षेत्रफल 3.42 लाख कि.मी. है. यह देश के कुल क्षेत्रफल का 10.41 प्रतिशत है. राजस्थान की जनसंख्या 6.85 करोड़ है और साक्षरता की दर 66.1 प्रतिशत है. राजस्थान रेतीला, बंजर, पर्वतीय और उपजाऊ कच्छारी मिट्टी से मिलकर बना है. वर्तमान में राजस्थान में सात सम्भाग, 33 जिले, 295 पंचायत समितियां, 9 हजार 894 ग्राम पंचायतें, 43 हजार 264 आबाद गांव, 184 शहरी निकाय और नगरीय क्षेत्र हैं. यहां विधान सभा की 200 और लोक सभा के 25 सीटें हैं. राज्य की अर्थ व्यवस्था कृषि एवं ग्रामीण आधारित है. कृषि और पशु पालन यहां के निवासियों के मुख्य रोजगार हैं. आजादी के बाद इस प्रदेश ने निश्चय ही प्रगति और विकास की ऊंचाईयों को छुआ है. वर्षा की अनियमितता के कारण यह प्रदेश अनेकों बार सूखे और अकाल का शिकार हुआ. मगर प्रदेश−वासियों ने विपरीत स्थितियों में भी जीना सीखा और अपने बुलन्द हौसले को बनाये रखा. 

राजस्थान के गठन के बाद अब हमें प्रदेश का परिदृश्य काफी कुछ बदला-बदला सा लगेगा:
आज हम राजस्थान के गठन के बाद अब तक की प्रगति की चर्चा करना चाहेंगे तो हमें प्रदेश का परिदृश्य काफी कुछ बदला-बदला सा लगेगा. आजादी के दौरान यहां रोजगार के साधनों का नितान्त अभाव था. बताया जाता है कि यहां के लोगों ने धोती और लोटे के साथ पलायन किया और देश के विभिन्न भागों में जाकर अपने बुद्धि कौशल का लोहा मनवाया. प्रवासी होकर राजस्थानवासियों ने देश भर में उद्योग धंधे स्थापित किये और अपने लाखों प्रदेशवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया. यह सही है कि हमने हर क्षेत्र में प्रगति हासिल की है. स्कूलों की संख्या बढ़ी है. छात्रों का नामांकन भी दुगुना-चौगुना हुआ है. राशन सस्ता हुआ है. विद्युत के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं. विद्युत क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है. गांव-गांव और घर-घर बिजली की रोशनी प्रज्जवलित हुई है. सड़कों का जाल भी चहुंओर देखने को मिल रहा है. गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ा गया है. पेयजल के क्षेत्र में अच्छी खासी प्रगति हुई है. 

गांव-गांव और शहर-शहर में पानी पहुंचाया गया:
गांव-गांव और शहर-शहर में पानी पहुंचाया गया है. दूर दराज के क्षेत्रों में पानी पहुंच रहा है. जो गांव पेयजल के लिए सिर्फ वर्षा पर आधारित थे वहाँ जल विभाग की योजनाओं के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्रों में बड़ी कामयाबी हासिल की गई है. गांव-गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाया गया है. आज लगभग सभी ग्रामों में स्वास्थ्य की सुविधा पहुंचाने का दावा किया जा रहा है. मेट्रो सिटी में बड़े अस्पताल बनाये गये हैं और जटिल से जटिल रोगों का इलाज किया जा रहा है. औद्योगिक विकास की दृष्टि से भी हम आगे बढ़े हैं. रेगिस्तानी क्षेत्र राजस्थान में पहले लोग उद्योग धंधे स्थापित करने से डरते थे. 

औद्योगिक विकास के क्षेत्र में राजस्थान का काया कल्प हुआ:
आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने और लालफीताशाही के कारण उद्योगपति राजस्थान आने से डरते थे. यहां तक कि प्रवासी उद्योगपति भी अपने क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने में हिचकिचाते थे. मगर आज आधारभूत सुविधाएं सुलभ होने के कारण राजस्थान में बड़ी तेजी से बड़े और वृहद् उद्योग स्थापित हुए हैं. औद्योगिक विकास के क्षेत्र में राजस्थान का काया कल्प हुआ है. हमारे लाखों नौजवानों को रोजगार मिला है. राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में काफी समृद्धशाली राज्य है. यहाँ के किले, हवेलियाँ, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर मेले, महल, झीलें, पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. राजस्थान का पर्यटन के क्षेत्र में विश्व में प्रमुख स्थान है. पर्यटन राज्य के रूप में प्रदेश ने विश्व मानचित्र में अपनी अनूठी पहचान बनाई है. पर्यटन को रोजगार से जोड़कर प्रदेश के विकास के मार्ग को तेजी से प्रशस्त किया जा रहा है. कुल मिलाकर यह बढ़ता हुआ राजस्थान है जो कई मायनों में अलग है और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का संदेश देता है.