जयपुर: हाल ही में कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के बड़ी उम्र के नेताओं को किसी के कहने की बजाय खुद की सत्ता का लालच छोड़ चुनावों से दूरी बनाने वाले बयान का असर होना शुरू हो गया है. नैतिकता की राजनीति के आधार पर भरतसिंह के बाद दीपेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. दीपेंद्र सिंह शेखावत श्रीमाधोपुर से कांग्रेस के विधायक हैं. यहां दीपेंद्र सिंह शेखावत के बेटे बालेंदु सिंह मजबूत दावेदार है.
वहीं दूसरी ओर आज प्रभारी रंधावा से मिलने के बाद मंत्री बीडी कल्ला ने मीडिया रूबरू होते हुए कहा कि शिष्टाचार मुलाकात हुई है. मैं चुनाव लडूंगा. आज में जीताऊ उम्मीदवार हूं. मेरे सामने बीजेपी के पास उम्मीदवार नहीं है. कोई अगर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करता है तो ये उसकी इच्छा है. मेरे यहां तो भविष्य का उम्मीदवार तैयार करना होगा. अभी तो मैं ही चुनाव लडूंगा.
भरत सिंह कुंदनपुर ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था:
आपको बता दें कि इससे पहले सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) से मुलाकात के बाद कहा था कि युवाओं को मौका देने के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. विधायक भरत सिंह ने आगे कहा था कि कुर्सी के प्रति मोह शराब के नशे से भी बड़ा होता है.