जयपुर: राजस्थान सरकार ने आवारा पशुओं से फसल को बचाने में किसानों की मदद हेतु उन्हें तारबंदी के लिए अनुदान देने का फैसला किया है. सरकारी बयान के अनुसार राज्य सरकार एक लाख किसानों को चार करोड़ मीटर तारबंदी के लिए अनुदान देगी और इस पर 444.40 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे. बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तारबंदी के लिए वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी. बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत समस्त लम्बित प्रार्थना पत्रों को दो वर्षों में निस्तारित करने की दृष्टि से सहमति दी है.
उन्होंने अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के किसानों की जोत का आकार कम होने के कारण तारबंदी के लिए न्यूनतम सीमा 0.50 हेक्टेयर किए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है. इसके अनुसार तारबंदी में सामुदायिक भागीदारी पर अब पहले से अधिक अनुदान मिलेगा. इसमें 10 या अधिक किसानों के समूह को न्यूनतम पांच हेक्टेयर में तारबंदी के लिए अनुदान राशि 70 प्रतिशत की गई है.
बयान के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में तारबंदी पर अनुदान में करीब 444.40 करोड़ रुपए व्यय होंगे. इनमें 391 करोड़ रुपये कृषक कल्याण कोष से, 25 करोड़ रुपये राज्य योजना तारबंदी द्वारा फसल सुरक्षा हेतु अनुदान से व्यय होंगे. सरकार ने बताया कि शेष 28.40 करोड़ रुपए की राशि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन से (राज्यांश 11.36 करोड़ रुपए) खर्च की जाएगी. उल्लेखनीय है कि गहलोत द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन अंतर्गत तारबंदी को निरंतर जारी रखने की घोषणा की गई थी. सोर्स भाषा