जयपुरः प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के लिए बड़ी राहत की खबर है. मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की किल्लत जल्द दूर होगी. अधिसूचना पर सरकारी अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों को छूट दी है. 10 साल का अनुभव रखने वाले डॉक्टर एसोसिएट प्रोफेसर बन सकेंगे. जबकि 2 साल अनुभव वाले डॉक्टरों को असिस्टेंट प्रोफेसर का दर्जा मिलेगा.
नई अधिसूचना पर चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने कहा कि NMC की अधिसूचना का अध्ययन किया जा रहा है. इस तरह की शिथिलता से मेडिकल कॉलेजों के खाली पदों को भरना आसान होगा. फिलहाल प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में 40 से 50 फीसदी तक खाली पद हैं.
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने कहा कि अधिसूचना के तहत सेवारत चिकित्सक अब मेडिकल कॉलेज में पढ़ा सकेंगे. इसके अलावा जो सीनियर कंसंटेंट तीन वर्ष तक डीएनबी कोर्स पढ़ा चुका है, वे प्रोफेसर बन सकेंगे. अभी तक मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्तियां हो रही थी. जबकि एसोसिएट और प्रोफेसर के भी काफी पद है रिक्त, जिन्हें नए नियमों से भरा जा सकेगा.