जयपुर: खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने फिर एक बार मुफ्त राशन किट वितरण का काम दूसरे विभाग को देने पर विवाद छोड़ दिया है. हालांकि इस बयान में वो ये भी कहते हुए नजर आए की अभी फाइनल नहीं हुआ है कौन इसका वितरण करेगा. लेकिन नाराजगी जाहिर करते हुए ये भी कह दिया की खाद्य विभाग से इस योजना का काम छीनकर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (कॉनफैड) को दे दिया है.
पत्रकारों से बातचीत में पूछे गए सवाल पर खाचरियावास ने कहा कि मेरे विभाग का काम किसी दूसरे को दिया जाता है. फिर इस विभाग की जरूरत कहां है? फिर तो बंद कर दीजिए. देखते हैं क्या सिचुएशन बनती है मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा. खाद्य मंत्री खाचरियावास ने कॉनफैड का नाम लिए बगैर ये भी कहा कि संस्थान क्या काम कर रहा है, पहले वह देख ले. वह अपना काम ही ठीक से नहीं कर पा रहा. उसे राशन किट बांटने का काम कैसे दिया जा सकता है. खाद्य विभाग अच्छी तरह से राशन किट योजना का काम कर सकता है. राशन का गेहूं बांटने का फूल प्रूफ सिस्टम ही हमारे पास है. हम पोस मशीनों से गेहूं बांट रहे हैं.
राशन डीलर्स की मानदेय को लेकर फाइल मैंने मेरी तरफ से भेज दी:
इस दौरान उन्होने राशन डीलर्स की मांगों को लेकर कहा की मानदेय को लेकर फाइल मैंने मेरी तरफ से भेज दी हैं. आंदोलन से मांगे नहीं मानी जाती हैं. लेकिन इनकी मानदेय की प्रमुख मांगों को लेकर दूसरे राज्यों की स्टडी करवा रहे हैं. इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा हैं. उन्होंने इस दौरान विभाग के अफसरों को चेताते हुए कहा की इंस्पेक्टर राज बिल्कुल नहीं चलेगा. बेवजह राशन डीलर्स को परेशान नहीं किया जाए. पहले पूरी जांच करें उसके बाद ही आगे की कार्रवाई करें. वहीं बजट में नए जिलों की घोषणा को लेकर कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से सिक्स मारा हैं. मध्यप्रदेश तो राजस्थान से छोटा हैं लेकिन वहां जिले कम हैं. भाजपा और कांग्रेस के नाम पर जिले नहीं बनाए गए हैं.