Rajasthan News: 24 अप्रैल से महंगाई राहत कैंप, कांग्रेस सत्ता और संगठन एक जाजम पर होंगे; डोटासरा ने सभी कार्यकर्ताओं को जारी किए निर्देश

जयपुर: अगले कुछ दिनों तक प्रदेश कांग्रेस का पूरा फोकस रहेगा महंगाई राहत कैंप पर रहेगा. मुख्यमंत्री गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट महंगाई राहत कैंप को सफल बनाने में प्रदेश कांग्रेश जोर-शोर से जुटेगी. इस बारे में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं को पत्र भेजा है. डोटासरा ने आह्वान किया कि सभी काग्रेस जन राहत कैंप के जरिए जनसेवा के काम में जुटे और इस महा अभियान को सफल बनाएं.

महंगाई राहत कैंप 24 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं कांग्रे सत्ता और संगठन इस दौरान एक जाजम पर होगा. आमजन की समस्याओं को हल करने के लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता आगे आएगा. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 11 सदस्य कंट्रोल रूम भी बना दिया गया है जो महंगाई राहत कैंप की पूरी मॉनिटरिंग करेगा. पीसीसी चीफ़ गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए कुछ निर्देश जारी किए.

- 2700 स्थानों पर कैंप प्रभारी लगा दिए गए हैं

- यह निर्देश दिया है कि कैंप में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपस्थित रहे

- कैंप के बाहर एक ड्रेस लगाएं जिसमें कांग्रेस पार्टी के फ्लेक्स लगे हुए हो

- कैंप में मौजूद अधिकारियों से सदा संपर्क में रहे

- आमजन की मदद करने में योगदान दें

- कैंप की तस्वीरें भी ले और वीडियो भी बनाएं

- संख्या बल को मैनेज करें और कतार बद्ध तरीके से लोगों को जोड़ें

- कैप में लोगो के इंटरव्यू ले कि उन्हें क्या राहत मिली है

- अपने कुर्ते पर कांग्रेस का बैज लगाएं

- जिला प्रभारियों के लिए विशेष निर्देश

- जिला प्रभारी से अनुरोध है कि से विधानसभा प्रभारी उसे मिले फीडबैक कपड़े

- एक दैनिक फीडबैक रिपोर्ट तैयार करें

- रात 9:00 बजे तक इस रिपोर्ट को पीसीसी को मेल करें

- इस रिपोर्ट को सीएम गहलोत के साथ साझा किया जाएगा

- राहत शिविर को मगर कोई सुधार की गुंजाइश है तो सुझाव दें

- स्थानीय अखबारों में छपी कटिंग्स को भी पीसीसी को भेजें

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार को सहयोग देने के लिए व्यापक रोड मैप बनाया है. 10 प्रमुख स्कीम को राहत कैंप के जरिए जनता के बीच ले जाने का तो यह प्रयास है.  साथ ही प्रचार और प्रसारित करने का अनूठा तरीका भी जिससे आगामी चुनाव में विकास के मॉडल पर जनता से वोट लिया जा सके. पिछले गहलोत सरकार में शैक्षिक योजनाएं आई लेकिन जनमानस के बीच में वोटों में तब्दील नहीं हो पाई. नतीजा ये निकला कि सरकार रिपीट नहीं हो पाई लिहाजा इस बार प्रचार और प्रसार में कोई कमी नहीं रखी जा रही.