जयपुर: सीएम अशोक गहलोत की विकसित 2030 की परिकल्पना को साकार करने के लिए चिकित्सा विभाग ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है. ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर चर्चाओं के बाद बुधवार को राज्य स्तर पर विजन-2030 को लेकर महामंथन हुआ. चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष विभाग की संयुक्त पहल पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं की बेहतर तस्वीर के लिए सभी ने खुलकर अपनी बात रखी.
दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र दुर्गापुरा के सभागार में चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में कार्यशाला में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों, कार्मिकों, प्रबुद्धजनों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया. इसके साथ ही जिलों एवं संभाग स्तर से भी अधिकारी एवं हितधारक वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान सभी जिलों एवं संभागों में आयोजित 60 चर्चाओं में प्राप्त सुझावों को न सिर्फ प्रदर्शित किया गया, बल्कि वहां मौजूद लोगों से सुझाव देने के लिए निर्धारित प्रपत्र भी दिया गया. एसीएस शुभ्रा सिंह ने बताया कि सभी लोग ऑनलाईन और ऑफलाईन तरीके से अपने सुझाव दे सकते हैं.
राजस्थान आज मॉडल हैल्थ स्टेट बन चुका:
इससे पहले कार्यक्रम में एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान आज मॉडल हैल्थ स्टेट बन चुका है और स्वास्थ्य के मानकों सहित कई प्रतिमानों में देश में सबसे आगे है. आज हमारा कम्पीटिशन हमसे ही है. इस परामर्श कार्यक्रम में हर तबका और हर वर्ग शामिल हुआ है. हमारा स्वास्थ्य का स्वरूप 2030 में कैसा हो इसके लिए हर स्तर से सुझाव आमंत्रित किए गये हैं और सार्थक परामर्श के बाद एक बेहतरीन विजन डॉक्यूमेंट तैयार होगा. हमारे लिए गर्व की बात है कि पूर्व में आयोजित आमुखीकरण कार्यक्रम से लगभग 6 लाख 75 हजार लोग जुड़े, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
विभिन्न अधिकारियों, प्रबुद्धजनों ने भी अपने सुझाव दिए:
कार्यक्रम में मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, आयुक्त कॉलेज शिक्षा शिवप्रसाद नकाते, RSHAA सीईओ शुचि त्यागी,आयुष सचिव भानु प्रकाश, RUHS के कुलपति डॉ.सुधीर भंडारी, डॉ. अजय चौधरी, डॉ. अनुराग शर्मा, राजस्थान खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण सदस्य एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता सहित विभिन्न अधिकारियों, प्रबुद्धजनों ने भी अपने सुझाव दिए.