जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस ने अपने परंपरागत वोट बैंक पर फोकस कर दिया है. प्रयास है कि चुनावी साल में पंचायती राज के तहत ग्रामीण वोट बैंक पर काम किया जाए. उसी दिशा में बुधवार को कांग्रेस के अहम संगठन राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की PCC में बैठक हुई. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संबोधित किया. प्रदेशभर से कांग्रेस विचारधारा के प्रधानों ने भाग लिया. डोटासरा ने पंचायती राज के प्रतिनिधियों से कहा कि आगे के लिए भी तैयार रहे, लकीर को बढ़ी करने का काम करे और विधायक बने.
पंचायतीराज सिस्टम की स्थापना के लिये राजस्थान के नागौर को माइलस्टोन माना जाता है. सालों पहले 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरु ने नागौर की धरती से ही पंचायतीराज व्यवस्था का आगाज किया था. जागीरदारी प्रथा के खिलाफ कांग्रेस ने पंचायत राज में विकास की अवधारणा को बल दिया जिससे ग्रामीण वोट बैंक को मजबूत किया जा सके. प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने समय में पंचायती राज को एक्ट के जरिए मजबूत किया था.
राजस्थान में भी कांग्रेस सरकारों के दौरान ऐसा किया गया. अब फिर से कांग्रेस जनता द्वारा चुने गए पंच, प्रधानों और प्रमुखों को सक्रिय कर रही है. कांग्रेस का राजीव गांधी पंचायती संगठन इस दिशा में काम कर रहा है. पीसीसी में हुई बैठक में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश भर से आए कांग्रेस के प्रधानों और पंचायत राज के प्रतिनिधियों को संबोधित किया.
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की बैठक में सीबी यादव और दिनेश सुंडा ने विभिन्न मांगे रखी.
मांग...
11अनुसूची के तहत पंचायती राज को 29में से पांच विषय ही दिए गए है मांग है कि 16 अहम विषय दिए जाए. प्रदश में 1 हजार से अधिक जिला परिषद सदस्य और छह हजार से अधिक पंचायती समिति सदस्य, करीब एक लाख वार्ड पंचों का काम केवल स्थानीय निकायों के चुनाव कराना रह गया, जबकि नियमित बैठके तक नहीं होती, सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिए जाए नियमित बैठके बुलाए. 74वें संविधान संशोधन के तहत अनुच्छेद 243(S) के तहत ग्राम सभाओं की तरह वार्ड सभाओं का उल्लेख हो. 2 संतान के नियम पर पुनर्विचार किया जाए.
डोटासरा ने पंचायत राज के जन प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया:
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पंचायत राज के जन प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार मांगों पर विचार करेगी. डोटासरा ने ये भी कहा कि पंचायती राज के प्रतिनिधि आगे बढ़े और लकीर बढ़ी खींचे.