RCA स्टेडियम बनने की उम्मीद फिर जगी, एडहॉक कमेटी हुई सक्रिय, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान क्रिकेट संघ के खुद के क्रिकेट स्टेडियम बनने की राह फिर से खुलने वाली है. आरसीए एडहॉक कमेटी ने आज जयपुर के पास चौंप में निर्माणाधीन स्टेडियम का जायजा लिया. करीब दो साल से यहां निर्माण कार्य बंद पड़ा है. एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने भरोसा दिलाया है कि अगले कुछ सप्ताह में निर्माण कार्य फिर से शुरू किया जाएगा. 

RCA के खुद के स्टेडियम बनाने की उम्मीद फिर जगी
चौंप में दो साल से बंद पड़ा है स्टेडियम का निर्माण कार्य
काम बंद होने के कारण खंडहरनुमा होने लगा है ढांचा
आरसीए में विवाद के चलते निर्माण कार्य नहीं बढ़ रहा था आगे
इस बीच टेंडर में अनियमितताओं के कारण ईडी ने शुरू कर दी जांच
स्टेडियम निर्माण के लिए 485 करोड़ रुपए का कुल बजट प्रस्तावित था
इसमें से 300 करोड़ रुपए की राशि बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता के जरिए मिलनी है
आरसीए ने अब तक करीब 195 करोड़ रुपए निर्माण करने वाली कंपनी को दे दिए
हालांकि जमीन पर इतनी बड़ी राशि का काम नहीं दिख रहा

अब आरसीए की नई एडहॉक कमेटी इस स्टेडियम की सुध ली है. डीडी कुमावत के नेतृत्व में आज कमेटी ने स्टेडियम स्थल का जायजा लिया. इस दौरान कमेटी के सदस्य आशीष तिवाड़ी व पिंकेश पोरवाल भी मौजूद रहे. आशीष तिवाड़ी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस स्टेडियम का काम जल्दी शुरू हो, ताकि आरसीए का खुद का स्टेडियम बनकर तैयार हो जाए.

एक तरफ आरसीए स्टेडियम का निर्माण कार्य फिर से शुरू करना चाहता हैं तो दूसरी तरफ ईडी के राडार पर पूरी टेंडर प्रक्रिया है. आरसीए एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने कहा है कि जांच अपनी जगह चलती रहेगी और दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. जिन्होंने गड़बड़ी की है, उनको सजा देनी चाहिए, लेकिन स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू करना भी जरूरी है. जो लोहे के सरिये लगाए गए हैं उन पर ही अगली तीन मंजिल खड़ी होगी. यह काम शुरू नहीं किया, तो फिर यह लोहा खराब हो जाएगा.    

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का चौंप गांव में बन रहा 75 हजार दर्शकों की क्षमता वाला प्रदेश का सबसे बड़ा स्टेडियम निर्माण के साथ ही विवादों में आ गया था. आरसीए ने जेडीए से स्टेडियम के लिए जमीन ली थी और निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया था. स्टेडियम के लिए आरसीए ने लोन भी लिया और वेंदाता कंपनी से बड़ा सहयोग भी. लेकिन यहां पर टेंडर से लेकर निर्माण तक में कमीशन के खेल की शिकायतें सामने आ रही है. इस स्टेडियम के निर्माण के लिए 485 करोड़ रुपए का कुल बजट प्रस्तावित था. इसमें से 300 करोड़ रुपए की राशि बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता के जरिए मिलनी है. कुछ राशि जारी भी कर दी थी. अभी तक अभी तक 195 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी हो चुकी है. आरोप है कि स्टेडियम निर्माण का टेंडर महंगी दरों पर हुआ और इसके बाद भी 10 प्रतिशत राशि बढ़ाई गई. टेंडर देने में सीपीडब्लूडी द्वारा निर्धारित नियम और दरों में फर्क आ रहा है. आरोप यह भी लगा है कि टेंड लेने के लिए कंपनी द्वारा कमीशन के रूप में कैश और काइंड में राशि का वितरण किया गया. हालांकि यह अभी जांच का विषय है.