जयपुर: इस बार राजस्थान में पहली बार विधानसभा आम चुनाव में 17.50 लाख से ज्यादा 80 वर्ष से ज्यादा के सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजन वोटर्स घर बैठे वोटिंग की बड़ी सहूलियत मिलेगी. इसके लिए निर्वाचन विभाग ने बीएलओ को पहले ही घर-घर सर्वे करके फॉर्म भरवाना घर बैठे वोटिंग की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश देने के साथ मॉनिटरिंग भी कड़ी कर दी है. ECI के निर्देश पर निर्वाचन विभाग का वोटर्स इनक्लूजिव कार्यक्रम जोरों पर है.सीईओ प्रवीण गुप्ता की मॉनिटरिंग में मतदाता का कोई भी वर्ग नहीं छूटे, इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं.इसके तहत बीएलओ को निर्देश दिए हैं कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र में पहले ही 80 वर्ष से ज्यादा के सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजन वोटर्स को लेकर होमवर्क पूरा कर लिया जाए.
क्या है प्रक्रिया ? :
-40 फीसदी दिव्यांगता वाले वोटर्स को ही यह सुविधा मिल सकेगी.
-निर्वाचन विभाग ने इसके लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है.
-आधिकारिक सूचना जारी होने के साथ ही बीएलओ को पांच दिनों में कार्यवाही करनी होगी.
-इसमें बीएलओ को घर-घर जाकर पात्र वोटर्स से 12 डी के तहत फॉर्म भरवाकर विकल्प ले लेना होगा.
-इस विकल्प को देने के बाद पात्र वोटर के घर पर पोलिंग पार्टी जाएगी और वोटिंग करवाएगी.
-इससे ज्यादा से ज्यादा वोटर्स का मतदान सुनिश्चित हो सकेगा.
कितने हैं इसके दायरे में आने वाले वोटर्स ?:
-5 लाख 71 हजार से ज्यादा हैं 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग वोटर्स
-80 वर्ष से ज्यादा के सीनियर सिटीजन वोटर्स 11 लाख 80 हजार से ज्यादा
-इस दायरे में आने वाले वोटर्स में सबसे ज्यादा जयपुर में करीब 34581 दिव्यांगजन हैं जिनमें 1 ट्रांसजेडर भी शामिल है.
-वहीं इस दायरे में आने वाले वोटर्स में से सबसे कम जैसलमेर में करीब 3751 दिव्यांगजन हैं.
-इस दायरे में आने वाली वोटर्स में से सबसे ज्यादा जयपुर में 12057 महिला दिव्यांगजन वोटर्स हैं.
-इस दायरे में आने वाली वोटर्स में सबसे कम प्रतापगढ़ में 2503 महिला दिव्यांगजन वोटर्स हैं. 26 जिलों में इस दायरे में आनेवाले एक भी ट्रांसजेडर वोटर नहीं है जबकि सात जिलों में एक-एक ट्रासजेंडर दिव्यांगजन वोटर हैं.इसमें गंगानगर, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, अजमेर, बांसवाड़ा और झालावाड़ शामिल हैं.
80 वर्ष और ज्यादा की आयु के सीनियर सिटीजन:
मैपिंग में घर बैठे वोटिंग कर सकने वाले 80 वर्ष और उससे ज्यादा की आयु के सीनियर सिटीजन में सबसे ज्यादा जयपुर में 1 लाख 11 हजार 428 वोटर्स हैं जिनमें एक ट्रांसजेडर भी शामिल है. इसी तरह घर बैठे वोटिंग कर सकने वाले 80 वर्ष और उससे ज्यादा की आयु के सीनियर सिटीजन में सबसे कम जैसलमेर में 11602 वोटर्स हैं.80 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के ट्रांसजेंडर वोटर में से जयपुर और पाली में 1-1 वोटर हैं जबकि इस आयु वर्ग में 31 जिलों में एक भी ट्रांसजेंडर वोटर नहीं है. 80 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के सीनियर सिटीजन में से सबसे ज्यादा जयपुर में 65606 महिला वोटर्स हैं. 80 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के सीनियर सिटीजन में से सबसे कम जैसलमेर में 7141 महिला वोटर्स हैं. अपने लक्ष्य "कोई भी वोटर नहीं छूटे " इस लक्ष्य को पाने के लिए 80 वर्ष और उससे ज्यादा की आयु के और दिव्यांगजन वोटर्स को निर्वाचन विभाग बड़ा तबका मान रहा है जिसके लिए बीएलओ को उन्हें घर बैठे वोटिंग की सुविधा देते हुए हर संभव प्रयास से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं.