जयपुर: राजस्थान रोडवेज़ की बसों में लगातार हो रहीं सड़क दुर्घटनाओं से रोडवेज़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में सड़क हादसों को रोकने के लिए रोडवेज़ CMD ने नये दिशा निर्देश जारी किए हैं.
रोडवेज़ की बसें लगातार सड़क हादसों का शिकार हो रहीं हैं. बीते सोमवार को ही दिल्ली रोड पर दिल्ली से जयपुर की तरफ़ जा रही रोडवेज़ बस आगे चल रहे ट्रेलर में जा घुसी इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गये. इसी तरह के कई हादसे रोडवेज़ की बसों से आये दिन हो रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है बसों के संचालन को लेकर कोई नियम क़ायदे नहीं होना. रोडवेज़ की बसों को तय समय से डेस्टिनेशन पर पहुंचाने के प्रेशर के कारण भी कई हादसे हो रहे हैं. इतना ही नहीं कई डिपो तो ऐसे हैं जहां अनफ़िट लोग रोडवेज़ की बसें चला रहे हैं. सबसे ख़तरनाक ट्रेंड यह है कि कई रूट ऐसे है जिन पर रोडवेज़ की बसें ड्राइवर नशे में चला रहे हैं. यही कारण है कि रोडवेज़ की बसों में सड़क हादसों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. लगातार सड़क हादसों के बाद अब रोडवेज़ की CMD ने सड़क हादसों को रोकने के लिए कई तरह के दिशा निर्देश जारी किए हैं.
CMD ने क्या दिशा निर्देश किए हैं जारी
1. निगम चालकों एवं ऐजेन्सी के माध्यम से अनुबन्ध पर लिये गये चालको से श्रम कानून के तहत डयूटी ली जावे तथा साप्ताहिक विश्राम भी श्रम कानून के तहत दिये जावे.
2. अनुबन्धित वाहनों पर कार्यरत चालकों को भी श्रम कानूनो के तहत विश्राम देने हेतु अनुबन्धित वाहन स्वामी को पाबन्द किया जावें
3. ऐजेन्सी के माध्यम से चालकों को अनुबन्ध पर लेते समय परीक्षण किया जाकर वाहन संचालन में कुशल पाये जाने की स्थिति में ही अनुबंध पर रखा जावे
4. प्रत्येक चालक / परिचालक को मार्ग पर भेजते समय / मार्ग पर ब्रेथ ऐनेलाईजर से परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जावे. नशे में पाये जाने वाले कर्मचारी को डयूटी पर नहीं भिजवाया जावे तथा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जावे
5. 50 वर्ष से अधिक आयु के चालकों का वर्ष में दो बार नेत्र/शारीरिक परीक्षण अवश्य करवाया जावे
6. किसी भी स्थिति में फिटनेस रहित वाहन/लाईसेन्स नवीनीकृत रहित चालक को मार्ग पर वाहन संचालन हेतु नहीं भेजा जावे
7. मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशानुसार चालकों को प्रशिक्षण के लिए चालक प्रशिक्षण संस्थान, केन्द्रीय कार्यशाला अजमेर में भिजवाया जावे.
8- वाहन संचालन के दौरान चालको द्वारा मोबाइल/रेडियो/टेप रिकॉर्डर आदि का उपयोग नही किया जावे
9. वाहन को मार्ग पर भेजने से पूर्व दुर्घटनाओं की सभी सम्भावनाओं का निराकरण कर ही मार्ग पर भेजी जावे
10. चालक द्वारा वाहन संचालन करते समय सीट बेल्ट का उपयोग करवाया जाना सुनिश्चित किया जावे
12. प्रत्येक वाहन में अग्नि शमन यंत्र चालू हालत में एवं फर्स्ट एड बॉक्स में औषधि के किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे
रोडवेज़ CMD ने सड़क हादसों को रोकने के लिए दिशा निर्देश तो जारी कर दिये हैं लेकिन इनकी पालना रोडबेज़ में होगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है. क्योंकि रोडबेज़ में मुख्यालय से जारी निर्देशो को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. CMD के निर्देशों के बाद भी ड्यूटी से पहले रोडवेज़ चालकों का ब्रेथ ऐनेलाईजार टेस्ट शुरू नहीं हो पाया है. इस कारण आशंका है कि अभी भी कई चालक नशे में ही रोडवेज की बसें चला रहे हैं. इसी तरह से चालकों के लिए श्रम क़ानून लागू करने के निर्देश पुराने हैं लेकिन इनकी पालना भी अलग अलग आगारो में नहीं की जा रही है. यही कारण है कि रोडबेज़ की बसों से होने वाले हादसों में कमी नहीं आ रही हैं.
रोडवेज़ में सड़क हादसों को रोकने के लिए रोडवेज़ के अधिकारी ही गंभीर नहीं हैं. यही कारण है कि सड़क हादसों को रोकने के लिए जारी दिशा निर्देशों की कोई पालना नहीं की जाती. जब तक रोडवेज़ में बसों का संचालन नियम क़ायदों से नहीं होगा तब तक इस तरह ही सड़क हादसे होते रहेंगे.