नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को रक्षा संबंधी खर्च के लिए आंतरिक और बाह्य ऑडिट के विश्वसनीय तंत्र की वकालत की. साथ ही उन्होंने भारत की रक्षा जरूरतों पर खर्च किए गए धन के अधिकतम उपयोग के लिए अभिनव तरीके खोजने का आह्वान किया.
सिंह ने एक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान वित्तीय संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग पर बल दिया और कहा कि रक्षा खरीद में खुली निविदा के माध्यम से प्रतिस्पर्धी बोली के नियम का पालन किया जाना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार और अपव्यय की संभावनाओं को कम करने से जनता के बीच सकारात्मक विचार पैदा होता है, जिससे विश्वास बढ़ता है कि जनता का पैसा बेहतर तथा विवेकपूर्ण तरीके से खर्च किया जा रहा है.
नियमों और प्रक्रियाओं को संहिताबद्ध करती है:
उन्होंने कहा कि इसके चलते विधायिका द्वारा अधिक धन आवंटित करने की संभावना बढ़ जाती है. सिंह ने एक मजबूत सेना के लिए ठोस रक्षा वित्त व्यवस्था के महत्व को भी रेखांकित किया और विस्तृत ‘ब्लू बुक्स’ की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला. ‘ब्लू बुक्स’, सैन्य उपकरणों और प्रणालियों की खरीद के लिए नियमों और प्रक्रियाओं को संहिताबद्ध करती है.
खरीद के लिए रक्षा खरीद नियमावली तैयार की गई:
सिंह ने कहा कि सरकार ने पूंजी अधिग्रहण के लिए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 के रूप में ‘ब्लू बुक्स’ तैयार की है जबकि सेनाओं को वित्तीय शक्तियां सौंपने के अलावा राजस्व खरीद के लिए रक्षा खरीद नियमावली तैयार की गई है. उन्होंने रक्षा वित्त एवं अर्थशास्त्र पर तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि ये नियमावली यह सुनिश्चित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं कि रक्षा खरीद की प्रक्रिया नियमबद्ध है और वित्तीय औचित्य के सिद्धांतों का पालन करती है. सोर्स-भाषा