जीवन को उत्सव के रूप में मनाने का महत्व समझाती है सलाम वेंकी- Kajol

मुंबई: अभिनेत्री काजोल का कहना है कि डर को जिंदगी का जश्न मनाने की भावना पर हावी नहीं होना चाहिए और उनकी आगामी फिल्म 'सलाम वेंकी' इसी नजरिए के महत्व के बारे में है.

काजोल शुरू में इस फिल्म में काम करने को लेकर तैयार नहीं थीं, लेकिन आखिरकार उन्होंने इसमें काम करने के लिए हामी भरी. 'सलाम वेंकी' का निर्देशन रेवती ने किया है. यह फिल्म युवा शतरंज खिलाड़ी कोलावेन्नू वेंकटेश की सच्ची कहानी से प्रेरित है, जिन्हें मांसपेशियों से संबंधित ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) नामक बीमारी थी. कोलावेन्नू वेंकटेश की 2004 में मौत हो गयी थी. दो बच्चों की मां काजोल का कहना है कि ‘सलाम वेंकी’ में काम करने के दौरान वह कई बार इतनी भावुक हुईं कि उन्होंने अधिकांश दृश्यों को ग्लिसरीन की मदद के बिना ही शूट किया.

हमारे लिए काम करना बेहद आसान बना दिया:
काजोल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि यह उस तरह की फिल्म नहीं है जिसे आप कभी भी इसकी विषय-वस्तु को महसूस किए बिना कर सकते हैं. मुझे यकीन नहीं था कि मैं यह फिल्म करना चाहती हूं क्योंकि यह एक ऐसा विषय है जो हर किसी के लिए एक बुरे सपने जैसा है. मेरे लिए इसके लिए हां कहना बेहद मुश्किल था. काजोल (48) ने कहा कि रेवती के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि उन्होंने फिल्म में हमारे लिए काम करना बेहद आसान बना दिया, क्योंकि हम दिन भर शूटिंग के दौरान एक ही प्रकार की मनोस्थिति में रहते थे. इसके अलावा 'सलाम वेंकी' की पटकथा को बहुत खूबसूरती से लिखा गया है. यह जीवन का उत्सव है और फिल्म आपको सिखाती है कि जीवन एक उत्सव होना चाहिए. 

देश में इच्छामृत्यु के बारे में एक बहस छेड़ दी:
ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) एक अनुवांशिक विकार है जो कंकाल और दिल की मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है और समय के साथ स्थिति बिगड़ती जाती है. वेंकटेश की मृत्यु ने देश में इच्छामृत्यु के बारे में एक बहस छेड़ दी थी. इच्छामृत्यु पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर काजोल ने ‘सलाम वेंकी’ के एक संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी को भी सम्मान के साथ जीने और मरने का अधिकार है.

इस तरह के कानून का फायदा उठा सकते हैं:
अभिनेत्री ने कहा कि मैं इसे लेकर दो राय में हूं, किसी और वजह से नहीं, बल्कि इसलिए कि हम इंसानियत को जानते हैं और ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस तरह के कानून का फायदा उठा सकते हैं. यह निश्चित रूप से विचारणीय बात है. थियेटर में नौ दिसंबर को दस्तक देने जा रही ‘सलाम वेंकी’ का निर्माण बीएलआईवीई प्रोडक्शंस और आरटीएकेई स्टूडियोज के बैनर तले सूरज सिंह, श्रद्धा अग्रवाल और वर्षा कुकरेजा ने किया है. सोर्स-भाषा