अजमेर(शुभम जैन): एसओजी ने आरपीएससी की स्कूल व्याख्याता प्रतियोगी परीक्षा 2022 के राजनीति विज्ञान परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने वाले एक स्कूल व्याख्याता को गिरफ्तार किया है. आरोपी जालोर का रहने वाला है और जसवंतपुरा सावीधर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता के पद पर कार्यरत है. इस मामले में अजमेर की सिविल लाइंस थाना पुलिस आरपीएससी के अनुभाग अधिकारी मोहनलाल यादव की रिपोर्ट पर मुख्य आरोपी और मध्यस्थता कराने वाले शातिर युवक को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
प्रदेशभर में इसी तरह के मामलों में अब तक कुल 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. सीएम के आदेश पर गठित एसआईटी के चीफ एडीजी वीके सिंह के दिशा-निर्देशों पर डमी कैंडिडेट प्रकरण में लगातार कार्रवाई जारी है. पुलिस के मुताबिक जालोर स्थित करड़ा दीगांव निवासी अशोक कुमार विश्नोई पुत्र हरिराम को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के खिलाफ आरपीएससी के अनुभाग अधिकारी ने सिविल लाइंस थाने में प्रकरण दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया गया कि स्कूल व्याख्याता प्रतियोगी परीक्षा में लाखाराम सफल हुआ था. काउंसलिंग के दौरान लाखाराम के आवेदन पत्र और परीक्षा केंद्र के उपस्थिति पत्रक में फोटो और हस्ताक्षर अलग-अलग पाए गए.
आरपीएससी की जांच में लाखाराम के स्थान पर किसी और के द्वारा परीक्षा देना सामने आया. इस मामले में पुलिस ने लाखाराम कर पूछताछ की तो उसने हीराराम का नाम उजागर किया. लाखाराम ने बताया कि हीराराम ने स्कूल व्याख्याता जालोर निवासी अशोक कुमार विश्नोई से मिलवाया था. पुलिस ने लाखाराम की निशानदेही पर हीराराम को गिरफ्तार किया था. हीराराम ने पूछताछ में अशोक कुमार का नाम उगला, एसओजी ने अशोक को गिरफ्तार कर लिया.
एसओजी के एडिशनल सुनील कुमार तेवतिया के मुताबिक आरोपी अशोक को अजमेर से गिरफ्तार किया गया है. जिसने पूछताछ में 10 लाख रुपए लेकर एग्जाम देना बताया हैं. डमी कैंडिडेट प्रकरण में एसआईटी ने अब तक बाड़मेर धोरीमन्ना निवासी दुर्गाराम बिश्नोई, सेडवा निवासी राजेंद्र बिश्नोई, गंगापुर सिटी निवासी सत्यप्रकाश मीणा, सांचौर चितलवाना निवासी गोपाल सिंह भादू और जेलातरा निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया है. इन सभी प्रकरण की जांच एसआईटी के सुपरविजन में की जा रही है. डमी अभ्यर्थियों ने जहां परीक्षा दी थी, वहां के वीक्षकों को भी जांच के दायरे में लिया गया है.