नई दिल्ली : राजधानी में कई दिनों से भारी बारिश जारी है. भारी बारिश के चलते जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को निवारक उपायों के रूप में राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ संभावित क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है. मानसून के मौसम के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर निषेधात्मक आदेश लागू की गई है.
वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उत्तर पूर्वी दिल्ली में बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में स्थित दो पुलिस स्टेशनों को ऊंची मंजिलों पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है और आसपास के अन्य पुलिस स्टेशनों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है क्योंकि यमुना नदी खतरे के स्तर को पार कर गई है और जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. निषेधाज्ञा लागू करने का उद्देश्य निकासी और राहत सामग्री के वितरण के मामले में स्थिति से निपटना है. 12 जुलाई को, सुबह 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का जल स्तर खतरे के स्तर को पार कर 207.25 मीटर तक पहुंच गया.
1978 में जलस्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया:
अधिकारियों के मुताबिक, पिछला रिकॉर्ड 1978 का है जब यमुना में जलस्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया था. वर्ष 2013 में यमुना का जलस्तर 207.33 मीटर तक पहुंच गया था. बचाव एवं पुनर्वास दल निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने में लगे हुए हैं. दिल्ली सरकार ने पहले ही निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हटा दिया है और उन्हें ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है.
केजरीवाल सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार:
पुलिस कर्मी और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक ऐसे स्थानों पर हैं और लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह जारी की जा रही है. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी के 6 जिलों में 2500 टेंट लगाए गए हैं जिनमें लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. प्रभावित इलाकों में रहने वालों को ऊंचे स्थानों पर बनाए गए इन शिविरों में स्थानांतरित किया जा रहा है. दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कल कहा कि अगर यमुना का जलस्तर बढ़ता है तो केजरीवाल सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को दिल्ली के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया था.