वडोदरा: गुजरात के वडोदरा शहर में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में रामनवमी के दो जुलूस पर कथित रूप से पथराव करने के आरोप में पुलिस ने 24 लोगों को हिरासत में लिया है. एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वडोदरा के पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने बताया कि शहर में स्थिति नियंत्रण में है और सभी नियमित गतिविधियां सामान्य रूप से जारी हैं.
उन्होंने कहा कि वडोदरा में बृहस्पतिवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई पथराव की दो घटनाओं के सिलसिले में हमने अब तक 24 लोगों को हिरासत में लिया है. प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. पुलिस ने बताया कि रामनवमी के दो अलग-अलग जुलूस पर उस समय पत्थर फेंके गए, जब ये शहर के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील फतेहपुरा और कुंभारवाडा इलाकों से गुजर रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक, कुंभरवाडा में भीड़ द्वारा किए गए पथराव में कम से कम दो लोग घायल हो गए. उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थानीय विधायक मनीषा वकील उस जुलूस का हिस्सा थीं, जिस पर कुंभरवाडा में पथराव किया गया. कुछ समाचार चैनल पर प्रसारित घटना के वीडियो में लोगों को पथराव के दौरान जान बचाने के लिए भागते हुए देखा जा सकता है, जबकि भगवान राम की मूर्ति ले जा रहे एक रथ को पत्थरों से बचाने के लिए भक्त उसे सुरक्षित स्थान पर खींचकर ले जाते भी नजर आ रहे हैं.
घटना से कुछ घंटे पहले फतेहपुरा इलाके में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा आयोजित रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया था. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि यह जानते हुए भी कि इन इलाकों में पहले भी इसी तरह की हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं, पुलिस ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे. घटना के बाद बजरंग दल की वडोदरा इकाई के प्रमुख केतन त्रिवेदी ने दावा किया कि बदमाशों ने रामनवमी के जुलूस पर ‘‘सोची समझी साजिश’’ के तहत पथराव किया और इसी तरह की घटनाएं पहले भी कई मौकों पर हो चुकी हैं. सोर्स- भाषा