जयपुर: शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स के निजी क्षेत्र में जाने के बाद पहला टूर शानदार रहा है. सात देशों के 66 पर्यटकों के साथ सत्र के पहला फेरा संपन्न हो चुका है. सत्र के लिए कुल 1312 में से 800 केबिन बुक हो चुके हैं और पहले फेरे में आए मेहमानों ने शाही ट्रेन के स्टाफ की मेहमाननवाजी और सुविधाओं को लेकर शाही ट्रेन प्रबंधन की तारीफ की है. 4 दशकों से दुनियाभर के पर्यटकों के बीच भारत की सांस्कृतिक राजदूत के तौर पर पहचान रखने वाली पैलेस ऑन व्हील्स का इतिहास शानदार रहा है.
पर्यटन निगम की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही शाही ट्रेन को पर्यटन निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के प्रयासों से दोबारा संचालित किया जा रहा है. पहली आर शाही ट्रेन को ओ एंड एम ऑपरेटर को पांच वर्ष के लिया दिया गया है. सात सितारा सुविधाओं से लैस शाही ट्रेन को ओ एंड एम ऑपरेटर क्यूब कंस्ट्रक्शन और ईजी टोल वे द्वारा संचालित किया जा रहा है. शाही ट्रेन का 27 सितंबर से शुरू हुआ पहला फेरा शानदार रहा है.
सात देशों के पर्यटकों का एक ही छत के नीचे सांस्कृतिक मिलन देखने को मिला. पर्यटकों ने कहा कि शाही ट्रेन की सुविधाएं, स्टाफ का व्यवहार और मेहमाननवाजी इतनी जबर्दस्त रही जिसका को मुकाबला नहीं. दरअसल वैश्विक संस्कृतियों के मलन का पैलेस ऑन व्हील्स सबसे पसंदीदा मंच है. शाही ट्रेन की जिम्मेदारी एक बार फिर अनुभवी प्रदीप बोहरा के पास है. बोहरा का कहना है कि राजस्थान के साथ साथ शाही ट्रेन गोल्डन ट्रायंगल को पूरा करती है.
दिल्ली से राजस्थान के प्रमुख शहर और आगरा तक की सात रात्रि की इस अविस्मरणीय यात्रा को पर्यटक बरसों तक अपने जेहन में रखते हैं.दरअसल पैलेस ऑन व्हील्स को राजस्थान की संस्कृति को जानने का सर्वश्रेष्ठ मंच माना जाता है. यहां राजस्थानी संस्कृति का विदेशी संस्कृति से फ्यूजन एक अलग ही माहौल तैयार करता है जिससे वासुदेव कुटुंबकम का हमारा बरसों पुराना स्लोगन साकार होता दिखाई देता है. उम्मीद है शाही सफर का ये सत्र नई उपलब्धियों भरा होगा.