UGC ने विश्वविद्यालयों के लिए जारी की नई 'आधार' गाइडलाइन, जानिए डिटेल्स

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के आधार को लेकर विश्वविद्यालयों को एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किया है. यूजीसी ने एक अधिसूचना में विश्वविद्यालयों को डिग्री और प्रोविजनल सर्टिफिकेट पर छात्रों का आधार नंबर प्रिंट करने से रोक दिया है. निकाय ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) से कहा है कि इसकी अनुमति नहीं है. नियामक प्राधिकरण का यह निर्देश उन रिपोर्टों के बाद आया है, जब कुछ राज्य सरकारें विश्वविद्यालयों द्वारा जारी किए गए अनंतिम प्रमाणपत्रों और डिग्री पर छात्रों के पूर्ण आधार नंबर को प्रिंट करने पर विचार कर रही हैं. इसका उद्देश्य भर्ती या प्रवेश के समय इन दस्तावेजों का सत्यापन करना बताया गया है.

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को प्रतिबंधित करने वाले एक पत्र में कहा कि, मानदंडों के अनुसार, आधार नंबर रखने वाली कोई भी संस्था किसी भी डेटाबेस या रिकॉर्ड प्रमाणपत्रों पर आधार की छपाई को सार्वजनिक नहीं करेगी, जब तक कि नंबर को उचित माध्यम से संशोधित या ब्लैक आउट नहीं किया गया हो. डिग्री और अनंतिम प्रमाणपत्रों पर आधार संख्या की छपाई की अनुमति नहीं है. उच्च शिक्षा संस्थानों को यूआईडीएआई के नियमों और विनियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए.

2017 के निर्देश: 

संयोग से, 2017 में यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्री और प्रमाणपत्रों में सुरक्षा सुविधाओं के अलावा छात्र की तस्वीर और आधार संख्या जैसे पहचान तंत्र पेश करने का निर्देश दिया था. यूजीसी के तत्कालीन सचिव जेएस ने कहा कि, विश्वविद्यालयों द्वारा जारी किए गए मार्कशीट और प्रमाणपत्रों में सुरक्षा विशेषताएं सत्यापन और नकल को रोकने के लिए उपयोगी हैं. साथ ही, वे देश में उच्च शिक्षा प्रणाली के भीतर और पूरे सिस्टम में एकरूपता और पारदर्शिता लाने में मदद करते हैं.