जयपुरः राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट के तहत नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की ओर से अरबन सेक्टर प्री समिट का आयोजन किया गया. इस आयोजन में प्रदेश के शहरों के विकास पर 75 हजार 600 करोड़ रुपए के लिए एमओयू किए गए.
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट के तहत आयोजित इस अरबन सेक्टर प्री समिट के मुख्य समारोह का आयोजन राजधानी के होटल आईटीसी राजपूताना में किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा और विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव सुधांश पंत थे. इस मुख्य समारोह में 45 हजार 315 करोड़ रुपए के निवेश के लिए बड़े निवेशकों के साथ पूर्व हस्ताक्षरित 25 एमओयू का आदान-प्रदान किया गया. इस दौरान 7 हजार 901 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू से जुड़े निवेशक व उनके प्रतिनिधि भी मौजूद थे. इनके अलावा जिलों में जिला कलेक्टर की मौजूदगी 22 हजार 384 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू किए गए. समारोह में नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा प्रदेश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है प्रदेश की 26 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का बड़ा हिस्सा राजस्थान में आता है इस लिहाज से भी निवेश के लिए यह प्रदेश महत्वपूर्ण है.
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी लिहाज से प्रदेश में नगरीय विकास से जुड़े कानून और नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा यह सरकार अपने प्रथम वर्ष में ही इस तरह का आयोजन कर रही है. ताकि निवेश के समझौतों को धरातल पर उतारा जा सके और इसके लिए पर्याप्त समय मिले. राजस्थान में 5 या 6 साल में एक बार इस तरह के आयोजन किए जाते रहे हैं. पिछली सरकारों में कार्यकाल के 3 साल या 4 साल बीतने के बाद इस तरह के आयोजन की परंपरा रही थी. लेकिन इस सरकार ने अपने पहले साल में ही यह आयोजन किया है. सरकार ने इस बार नया मेकैनिज्म तैयार किया है. सरकारी अधिकारी निवेशक के साथ किये एमओयू को जमीन पर उतारने के लिए प्रयासरत रहेंगे. निवेश के लिए जो भी जरूरी स्वीकृतियां हैं वह सरकार की जिम्मेदारी होगी. निवेशक को सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी.
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा भिवाड़ी को गुड़गांव की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए. गुड़गांव के विकल्प के तौर पर इसका विकास किया जाना चाहिए. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मौजूदा व्यवस्था में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि नगरीय निकायों को सुदृढ़ करने की जरूरत है. रूटीन के मैटर सरकार तक नहीं आने चाहिए. सरकार का काम पॉलिसी फ्रेमवर्क होना चाहिए. राजधानी की द्रव्यवती नदी परियोजना को लेकर उन्होंने कहा यह परियोजना अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकी है इस नदी में स्वच्छ जल बहना था. लेकिन अब तक यह नहीं हो पाया है. इस मामले में जो देरी हो रही है उसको लेकर सोचना चाहिए. शहरों में प्रभावी ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम होना जरूरी है. बिल्डिंग बायलॉस में इस तरह का संशोधन किया जाए कि हर मकान में कुछ हिस्सा पौधारोपण के लिए आरक्षित हो.
इससे पहले नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गलियां ने प्रदेश के शहरी परिदृश्य को लेकर कार्यक्रम में एक प्रेजेंटेशन दिया. नीति आयोग की प्रधान आर्थिक सलाहकार अन्ना राय ने कहा कि आज के इवेंट से नए अध्याय की शुरुआत होगी. नीति आयोग में इस इवेंट के माध्यम से नए अध्याय की शुरुआत होगी. हम राज्यों के साथ कोऑपरेटिव फेडरेलिज्म के तहत काम करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि देश के विकास के लिए राज्यों का विकास बहुत जरूरी है.
कार्यक्रम में मौजूद हीरानंदानी कंस्ट्रक्शन के सह संस्थापक और एमडी डॉ.निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि राजस्थान में प्रस्तावित नई टाउनशिप नीति को लेकर भी हम सुझाव देना चाहते हैं. ताकि यह नीति ऐसी बने कि देश भर के रियल एस्टेट के बड़े ग्रुप राजस्थान आए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वेयरहाउसिंग और इंडस्ट्रियल टाउनशिप में निवेश की संभावना है. निवेश के के लिये डाटा सेंटर पर फोकस किया जाना चाहिए.
कार्यक्रम में टाटा प्रोजेक्ट्स के एचडी और सीईओ विनायक पाई आशियाना हाउसिंग के एचडी विशाल गुप्ता की राजस्थान के पूर्व चेयरमैन आनंद मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम के आखिर में नगरीय विकास विभाग से जुड़े विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने पैनल चर्चा की. आपको बताते हैं कि इस कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर किन बड़े समूहों ने प्रदेश में निवेश के लिए एमओयू किया.
हीरानंदानी ग्रुप की ओर से विभिन्न शहरों में आवास निर्माण के लिए 5000 करोड रुपए के निवेश का एमओयू किया गया
-रॉयल मल्टी स्पोर्ट्स की ओर से खेल गतिविधियों के विकास पर 5000 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-ड्रॉम मार्बल की ओर से सिरामिक टाइल्स एंड स्टोंस के लिए 4500 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-रहेजा ग्रुप की ओर से व्यवसायिक इमारत के निर्माण के लिए 3000 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-ब्यावर लघु उद्योग संघ की ओर से लघु उद्योग में 2500 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-कस्तूरी ग्रुप की ओर से आवास निर्माण के लिए ₹2500 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-इंडियन मिशन ऑफ़ मेडिकल साइंस सोसायटी की ओर से मेडिकल कॉलेज के लिए ढाई हजार करोड रुपए के निवेश का MOU किया गया
-व्रज ग्रुप की ओर से आवास निर्माण के लिए ढाई हजार करोड रुपए के निवेश का एमओयू किया गया
-रहेजा ग्रुप की ओर से रिसॉर्ट और होटल के निर्माण में 2000 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-रौनक ग्रुप की ओर से रेंटल हाउसिंग व अन्य में 2000 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-मिनरल प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से मिनरल्स सेक्टर में 1500 करोड रुपए के निवेश
का MOU किया गया
-भारत विकास सेवा संस्थान की ओर से चिकित्सा संस्थान के लिए 1500 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-संगम इंडिया लिमिटेड की ओर से टेक्सटाइल में 1500 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-महिमा ग्रुप की ओर से भिवाड़ी प्रोजेक्ट पर 1060 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-सन डौन डेवलपर की ओर से वेयरहाउस वह अन्य के निर्माण के लिए 1000 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-जीन फाउंडेशन की ओर से शिक्षण संस्थानों के क्षेत्र में 1000 करोड रुपए का निवेश का MOU किया गया
-आरडीजी सॉल्वेंट की ओर से उद्योग में 750 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-पोद्दार संस्थान की ओर से पोद्दार विश्वविद्यालय के निर्माण पर 705 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
- विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी की ओर से मेडिकल कॉलेज के लिए 700 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-मोदी डेयरी की ओर से कृषि आधारित उद्योग के लिए 600 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया
-वर्तक इंफ्रा लिमिटेड की ओर से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में 300 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू किया गया