राजस्थान में 8 नवंबर को बंद हो जाएंगी 21 हजार खदान, 10 से 15 लाख लोग हो जाएंगे बेरोजगार

जयपुरः प्रदेश की 35 हजार खदानों में से करीब 21 हजार खानें तीन दिन बाद बंद हो जाएंगी. इससे करीब 10 से 15 लाख खान श्रमिक व इंजीनियर प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से बेरोजगार हो जाएंगे. एनजीटी ने लगभग 22 हजार खदानों को 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय पर्यावरण कमेटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन खान विभाग 12 हजार खान संचालकों के ही एनओसी के लिए आवेदन कर सका. इनमें से भी 900 खानों को ही एनओसी जारी हुई है.

दरअसल खान प्रदेश का सबसे बड़ा सर्विस सेक्टर है. ऐसे में खदाने बंद होने से प्रदेश की आर्थिक सेहत बिगड़ सकती है. इधर राज्य स्तरीय पर्यावरण समिति 'सिया' का कार्यकाल भी अक्टूबर में खत्म हो चुका है. इससे एनओसी जारी होने की प्रक्रिया थम गई है. प्रदेश सरकार ने नई समिति गठन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव भी भेज दिया है. लेकिन केंद्र की ओर से अधिसूचना जारी नहीं होने के वजह से खान संचालकों के सामने खाने बंद होने का खतरा बढ़ गया है. उधर, एनजीटी ने एमपी व छत्तीसगढ़ राज्यों की सुनवाई के दौरान सोमवार को एनओसी की अंतिम तिथि 7 नवंबर 2024 से आगे बढ़ाने को लेकर कोई राहत नहीं दी है. दरअसल प्रदेश में माइनर मिनरल की खानों व क्वारी लाइसेंस धारकों को 15 जनवरी 2016 से 11 दिसंबर 2018 तक लगभग 24 हजार एनओसी जारी किए गए थे. सितंबर 2018 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राज्य स्तरीय पर्यावरण कमेटी से एनओसी प्राप्त सभी खानी के लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण कमेटी से एनओसी लेने के निर्देश दिए. इसके लिए 7 नंवबर तक की अवधि तय की गई थी. 

प्रदेश में 35 हजार प्रधान, अप्रधान और क्वारी लाइसेंस के तहत खानें चल रही हैं. खान विभाग इन खानों के जरिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश में 36 लाख लोगों को मिलता है. अब करीब 23 हजार अप्रधान व क्चारी लाइसेंस वाली खानें बंद होने से 15 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार का संकट खड़ा होगा. एनजीटी के आदेश की पालना में खान विभाग को 22 हजार खानों को राज्य स्तरीय पर्यावरण कमेटी से एनओसी दिलाने के लिए आवेदन कराना था. इनमें से केवल 12 हजार खानों का ही आवेदन करा सके. इस तरह जो 10 हजार खाने आवेदन से रह गई, वे स्वतः ही बंद हो जाएंगी और जिन 12 हजार खान संचालकों ने एनओसी के लिए आवेदन किया. उनमें से भी सिर्फ 900 हजार को एनओसी मिल सकी है. इस तरह 22 हजार में से 21 हजार खानों पर 8 नवंबर को ताले लगने की नौबत आ गई है. हालांकि खान विभाग ने एनओसी प्राप्त करने के लिए समय बढ़ाने का आवेदन किया है लेकिन अब काफी देर हो चुकी है राहत मिलना मुश्किल है.