अजमेर: धार्मिक नगरी में स्तिथ जगत पिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर (Pushkar) में आयोजित होने वाले वार्षिक पुष्कर पशु मेले में हजारों को संख्या में पशु बिकने के लिए आते हैं और कुछ पशु मनोरंजन का केंद्र भी बनते हैं. साथ ही साथ पशुओं की प्रतियोगिताएं भी यहां आयोजित की जाती है. जिसे देखने भारत ही नहीं देश-दुनिया के अलग-अलग कोने से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
इसके बाद कार्तिक मास की एकादशी से आध्यात्मिक मेले की शुरुआत होती है और कार्तिक मास की पूनम पर महा स्नान के साथ पुष्कर मेले का समापन हो जाता है. लेकिन इस वर्ष पुष्कर के पशु मेले पर फिर एक बार संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यह मेला अभी होगा या नहीं इसे लेकर राज्य सरकार जल्द फैसला कर सकती है. पिछले 2 सालों से कोरोना महामारी के चलते पुष्कर मेले पर ग्रहण लगा हुआ था और इस बार लोगों को उम्मीद है की पुष्कर मेले में अधिक लोग आ सकते हैं लेकिन अब एक बार फिर पुष्कर के पशु मेले पर संकट के बादल छा गए हैं.
क्योंकि प्रदेश और देश मे फैल रही लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Virus) गौवंश पर अपना कहर बरपा रही है. जिससे हजारों की संख्या में पशुओं की मौत भी हो रही है. साथ ही सरकार और प्रशासन इस बीमारी को लेकर काफी गंभीर भी है. इसी कारण से पुष्कर के पशु मेले पर संकट के बादल दिखने लगे हैं. साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा इस संदर्भ में एक बैठक भी आयोजित की गई थी. जिसमें मेले से जुड़े लोग और तमाम विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई. वहीं अजमेर जिला प्रशासन द्वारा पशु मेले को लेकर राज्य सरकार से मार्गदर्शन भी मांगा गया है.
इस वर्ष ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद:
वहीं पुष्कर मेले में पशु मेले के साथ और भी कई तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसमें भाग लेने के लिए देश-दुनिया के पर्यटक शामिल होते हैं. 2 साल बाद धूमधाम से आयोजित होने वाले पुष्कर मेले को लेकर अब प्रशासन एक्टिव मोड़ में आ गया है और मेले की सभी तैयारियों को शुरू करने में जुट गया है. जिला कलेक्टर अंशदीप की अध्यक्षता में हुई बैठक में मेले के संदर्भ में सभी विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि इस साल मेले में और वर्षों की तुलना में ज्यादा संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है. इसी को देखते हुए हम तैयारियां शुरू कर रहे हैं.
हालांकि पुष्कर के पशु मेले में काफी सालों से गौवंश नहीं आते हैं और अब पशु मेले में ऊंट, घोड़ें ही आते हैं और कुछ पशु सिर्फ प्रतियोगिता के लिए लाए जाते हैं. हालांकि अधिकारियों के द्वारा राज्य सरकार को सभी जानकारी साझा कर दी गई है और किस तरह से आयोजन होगा उसे लेकर भी तैयरिया की जा रही है. लेकिन पुष्कर पशु मेला होगा या नहीं इसका फैसला अब राज्य सरकार करेगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने लंपी बीमारी को लेकर 2 जगह के पशु मेले कैंसिल कर दिए थे.
दुनियाभर से पुष्कर पशु मेले में आते लोग:
पुष्कर मेले को लेकर भारत ही नहीं दुनिया के कई लोगों की आस्था जुड़ी होती है और वह पुष्कर के पशु मेले के साथ-साथ आध्यात्मिक मेले में भी शामिल होने के लिए पहुँचते हैं और कार्तिक मास की पूर्णिमा पर सरोवर में स्नान करते हैं. पुष्कर पशु मेल होगा या नहीं इसका फैसला सरकार करेगी. लेकिन बाहर से आने वाले पर्यटकों ने पुष्कर मेले के लिए होटल, गाइड की एडवांस बुकिंग करना शुरू कर दिया है. पुष्कर के लोगों को भी अब उम्मीद है की इस बार पुष्कर मेले में काफी संख्या में लोग शामिल होने के लिए आएंगे और इसी को लेकर लोगों ने भी तैयरिया शुरू कर दी है.