नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है. उन्होंने इंटरपोल और इसके सदस्यों से आह्वान किया कि वे सीमा से परे सहयोग के लिए हाथ मिलाएं ताकि सीमा पार आतंकवाद को हराया जा सके.इंटरपोल महासभा के 90वें सत्र को समापन दिवस पर संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आपराधिक गिरोह गठजोड़ करके काम कर रहे हैं और वैश्विक पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मिलकर काम करना चाहिए.
इंटरपोल महासभा में 164 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है.अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद, छोटे आतंकवाद और बड़े आतंकवाद की बात साथ-साथ नहीं हो सकती. उल्लेखनीय है कि इंटरपोल महासभा के सत्र का आयोजन नयी दिल्ली में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हो रहा है. शाह ने कहा कि अपराध की मौजूदा घटनाएं सीमा विहीन हैं और इंटरपोल के सभी सदस्यों को इस चुनौती से निपटने के लिए साथ आना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों से निपटने में वैश्विक पुलिस संगठन (इंटरपोल) की भूमिका बहुत अहम है. गृहमंत्री ने कहा कि सीमा पार के आतंकवाद से निपटने के लिए सीमा से परे जाकर सहयोग बहुत अहम है. उन्होंने कहा कि अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद, छोटे आतंकवाद और बड़े आतंकवाद की बात साथ साथ नहीं हो सकती. ऑनलाइन माध्यम से लोगों को कट्टरपंथी बनाने के मुद्दे पर शाह ने कहा कि इसे राजनीतिक समस्या नहीं करार दिया जा सकता क्योंकि उस स्थिति में इसके खिलाफ लड़ाई आधे-अधूरे मन से होगी.
शाह ने कहा कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की सरकार पुलिस को सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने की कोशिश रही है. उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद और मादक पदार्थ तस्करी के मामलों का राष्ट्रीय डेटाबेस बना रहा है ताकि पुलिस इन सूचनाओं का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सके. शाह ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा पुलिस बल की पहली प्राथमिकता है.(भाषा)