नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाके मिगिंग में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी खराबी के बारे में आपात संदेश भेजा गया था. सेना के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
यांत्रिक खराबी के बारे में सूचित किया गया था:
शुक्रवार को हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ घंटे बाद बचाव दलों ने पांच में से चार कर्मियों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए थे. एक सूत्र ने कहा, “दुर्घटना से पहले, हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी या यांत्रिक खराबी के बारे में सूचित किया गया था.
सूत्र ने बताया गया कि उड़ान भरने के लिहाज से मौसम अच्छा था. पायलटों के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर उड़ाने का संयुक्त रूप से 600 से अधिक घंटे का अनुभव था. हेलीकॉप्टर को जून 2015 में सेना में शामिल किया गया था. भारतीय सेना ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भारतीय सेना के लिए यह हेलीकॉप्टर तैयार किया था. यह रुद्र मार्क IV के नाम से भी जाना जाता है. सोर्स-भाषा