सवाईमाधोपुर: सीआई फूलमोहम्मद को जिंदा जला देने के सूरवाल हत्याकांड मामले में आज एससी-एसटी कोर्ट सवाईमाधोपुर का फैसला आ गया हैं.सीबीआई जांच और बरसों की ट्रायल के बाद डिप्टी एसपी महेन्द्रसिंह कालबेलिया समेत दोषी ठहराये गये 30 आरोपियों को आज कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ ही जुर्माना लगाकर सामान्य कारावास और सश्रम कारावास की अलग-अलग सजाएं-अलग-अलग धाराओं में सुनाई हैं.माना जा रहा हैं कि सूरवाल कांड का ये बड़ा फैसला देश में अपनी तरह का पहला और दुर्लभ मामला हैं.
CI फूलमोहम्मद को जिंदा जला देने के 11 साल से भी पुराने मामले में 16 नवंबर को बरी किये गये 49 आरोपियों के अलावा दोषी ठहराये गये 30 आरोपियों को कोर्ट ने आज 18 नवंबर को सजा सुना दी.एससी-एसटी कोर्ट सवाईमाधोपुर की न्यायाधीश पल्लवी शर्मा के समक्ष लंच से पहले सजा के बिन्दुओं पर बहस हुयी और लंच बाद जज ने 16 नवंबर को दोषी ठहराये गये 30 आरोपियों को आजीवन कारावास समेत विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजाएं सुनायी. हालांकि सीबीआई की तरफ से पेश चालान में कुल नामजद मुल्जिम 89 थे लेकिन लंबे ट्रायल के दौरान ही 5 की मौत हो गयी और 2 बाल अपचारियों के अलावा 3 अभी भी फरार हैं.CBI के वकील श्रीकांत दास ने तो सभी दोषियों के लिये फांसी की सजा की मांग की थी.
रौंगटे खड़े कर देने वाला सूरवाल कांड सवाईमाधोपुर जिले के मानटाउन थानाइलाके का मार्च-2011 की वारदात हैं.जब पांव काटकर दाखादेवी के पैरों की चांदी की कड़ियां ले जाने के मामले में दाखा के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा हो गया था.दो युवक बनवारी मीणा और राजेश मीणा इस दौरान पैट्रोल का टीन लेकर टंकी पर चढ गये.बनवारी को तो जैसे-तैसे समझा-बुझाकर नीचे उतार लिया लेकिन तैश में आये राजेश मीणा ने खुद को आग लगा ली और टंकी से गिर पड़ा..राजेश की मौत हो गयी तो मौके पर जमा भीड़ बेकाबू हो गयी और वहां मौजूद पुलिस दस्ते पर पिल पड़ी. इस दौरान पथराव में घायल सीआई फूलमोहम्मद भागने का प्रयास कर रहे थे तो उनकी पुलिस जीप को ही भीड़ ने घेरकर आग के हवाले कर दिया और जीप को आग लगाकर सीआई को जिंदा जला डाला..सरकार ने फूलमोहम्मद को शहीद घोषित किया और मामला सीबीआई को सौंपा था..अब फूलमोहम्मद के वकील अब्दुल हसिब ने फर्स्टइंडिया से कहा हैं कि फैसले के बाद प्रमाणित प्रति मिल जाने की प्रतीक्षा हैं इसके बाद ही आगे का फैसला लेंगे.
न्यायालय द्वारा दंडित किये गये दोषियों की फेहरिस्त में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र सिंह के अलावा राधेश्याम माली, परमानंद , बबलू , पृथ्वीराज, रामचरण सहित कुल 30 नाम शामिल है. प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के न्यायिक इतिहास में 30 दोषियों को सजा सुनाने का सूरवाल कांड पर आज आया ये फैसला कई कानूनी पहलूओं में दुर्लभ माना जा रहा हैं, लेकिन सीबीआई की वर्षो की जांच के बाद भी 3 आरोपियों का पकड़ में नहीं आना हैरान करने वाली बात हैं.बहरहाल आज के कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस ने कोर्ट परिसर को खाली कराके सजा से दंडित किये सभी 30 दोषियों को जेल में शिफ्ट कर दिया हैं..
अभिनव के साथ भंवर एस. चारण की रिपोर्ट