Rajya Sabha में उठी तेजाब की बिक्री के लिए कठोर कानून बनाने की मांग

नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की एक सदस्य ने तेजाब हमले की घटनाओं पर चिंता जताते हुए सरकार से तेजाब की बिक्री के लिए कठोर कानून बनाए जाने की मांग की.

शून्यकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की डॉक्टर फौजिया खान ने तेजाब हमले से जुड़ा मुद्दा उठाया और कहा कि अपराधी को सजा मिलती है लेकिन पीड़ित का पूरा जीवन बदतर हो जाता है. उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में कारण पीड़ित द्वारा आरोपी का विवाह का प्रस्ताव ठुकराना होता है और बदले की भावना की परिणति तेजाब हमले के रूप में सामने आती है.

उन्होंने दिल्ली के द्वारका इलाके में पिछले सप्ताह एक छात्रा पर तेजाब हमला किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आरोपी ने तेजाब एक ई-कॉमर्स वेबसाइट से खरीदा था, जहां यह ‘टॉयलेट क्लीनर’ के तौर पर बिक रहा था. उन्होंने कहा कि अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भी यह उपलब्ध है.

बेरोजगारी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए:
फौजिया ने सरकार से मांग की कि तेजाब की बिक्री के लिए कठोर कानून बनाए जाएं ताकि हर कोई इसे आसानी से न खरीद सके. माकपा सदस्य ए ए रहीम ने कहा कि आज औद्योगिक क्षेत्र गहरे संकट का सामना कर रहा है जबकि युवाओं को रोजगार की जरूरत है . उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की जो स्थिति है उसके आधार पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात करना बेमानी है. उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगारी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

सरकार से तत्काल इस ओर ध्यान देने की मांग की:
कांग्रेस के राजमणि पटेल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबंधित मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि संस्थान के कुलपति पद के लिए विज्ञापन निकाला गया था और आवेदकों के लिए प्राध्यापक के पद पर दस वर्ष के काम के अनुभव की अर्हता रखी गई थी. उन्होंने कहा कि इस पद पर वरिष्ठ एवं पात्र अभ्यर्थियों को दरकिनार कर जिस अभ्यर्थी को चुना गया उन्हें दस साल का अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कुलपति को हटाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया. पटेल ने सरकार से तत्काल इस ओर ध्यान देने की मांग की.

सिकल सेल से प्रभावित होने का मुद्दा उठाया:
भारतीय जनता पार्टी के डॉ सुमेर सिंह सोलंकी ने मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी बहुल जिलों में अदिवासियों को सिकल सेल से प्रभावित होने का मुद्दा उठाया और कहा कि इन लोगों को यहां अस्पताल न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अन्य समस्याएं तथा अनुवांशिक बीमारियां भी वहां के लोगों को होती हैं. कई बार समय पर उपचार न होने की वजह से उनकी जान भी चली जाती है.

सरकार को कुछ नियमों में ढील देनी चाहिए:
उन्होंने कहा कि निमाड़ क्षेत्र के जनजाति बहुल क्षेत्रों में चिकित्सा महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र न होने की वजह से आदिवासियों तथा आम लोगों को उपचार के लिए दूर जाना पड़ता है. उन्होंने मांग की कि बड़वानी सहित निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी बहुल जिलों के लोगों को राहत के लिए वहां चिकित्सा महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाए. इसी पार्टी की संगीता यादव ने स्टार्ट अप से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह युवाओं की एक नयी सोच है जिसमें युवा कहते हैं कि हम रोजगार मांगेंगे नहीं बल्कि रोजगार देंगे. उन्होंने स्टार्ट अप को नवाचार के लिए एक बड़ा मंच तथा युवाओं के लिए एक चुनौती बताते हुए कहा कि महिलाओं के लिए सरकार को कुछ नियमों में ढील देनी चाहिए.

योजनाओं का नाम अपने अनुसार रखना चाहिए: 
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए केंद्र की ओर से कोष जारी करने में विलंब का मुद्दा उठाया. उन्होंने कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विलंब की वजह से काम प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि योजनाओं में केंद्र राज्य की हिस्सेदारी में बहुत अंतर है. अगर राज्य के ऊपर बड़ी हिस्सेदारी आती है तो क्यों न हमें इन योजनाओं का नाम अपने अनुसार रखना चाहिए.

सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं:
डोला सेन ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों का दौरा करते हैं लेकिन वे उत्तर प्रदेश और गुजरात का दौरा नहीं करते. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य इस पर विरोध जताते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए. भाजपा के अजय प्रताप सिंह ने मध्यप्रदेश की एक रेल लाइन से जुड़ा मुद्दा उठाया. सोर्स-भाषा