नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है लेकिन यह अब भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है और प्रभावित लोगों को नदी के तटीय निचले इलाकों में अपने-अपने घरों में लौटने के लिए कुछ दिन और प्रतीक्षा करनी होगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, यमुना में बुधवार को सुबह सात बजे जल स्तर 206.59 मीटर था जो बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे तक घटकर 205.37 मीटर हो गया. बुधवार को दर्ज किया गया यमुना का जलस्तर अगस्त 2019 के बाद सबसे अधिक था. हालांकि, इसके दिन के दौरान खतरे के निशान 205.33 से नीचे आने की संभावना है.
विशेषकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश हुई:
दिल्ली प्रशासन ने मंगलवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की थी, पुराने यमुना पुल पर रेल यातायात को निलंबित कर दिया था और यमुना के निकटवर्ती निचले इलाकों से लगभग 6,500 लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया था, क्योंकि भारी बारिश के बाद नदी में जलस्तर 206 मीटर के चिह्न को पार कर गया था. पिछले सप्ताह ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों, विशेषकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश हुई.
जलग्रहण क्षेत्रों में वर्षा की कोई उल्लेखनीय घटना नहीं हुई:
पिछले तीन दिनों में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में वर्षा की कोई उल्लेखनीय घटना नहीं हुई है और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से जल प्रवाह दर भी मंगलवार को सुबह सात बजे 96,000 क्यूसेक से घटकर बुधवार को सुबह नौ बजे 25,400 क्यूसेक और बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे 17,800 क्यूसेक हो गई. एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है. सोर्स-भाषा