चंडीगढ़: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि देश की तरक्की को और गति प्रदान करने के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. वह यहां पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन कार्यक्रम और 52 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं. राष्ट्रपति ने संस्थान की तारीफ की और कहा कि उन्हें यह उल्लेख करते हुए खुशी हो रही है कि इसने देश को कई दिग्गज व्यक्ति दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष और भारत में एक्सपेरिमेंटल फ्लूड डायनामिक्स रिसर्च के जनक प्रो. सतीश धवन, मशहूर शिक्षाविद और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के संस्थापक निदेशक प्रो. आर एन डोगरा तथा मिसाइल प्रौद्योगिकी एवं ‘स्ट्रेटेजिक सिस्टम’ के विशेषज्ञ डॉ. सतीश कुमार शामिल हैं.
मुर्मू ने कहा कि इस संस्थान के एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग विभाग की पूर्व छात्रा कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं और उन्होंने विज्ञान की खातिर आत्मबलिदान का प्रेरणादायी इतिहास रचा. संस्थान में कल्पना चावला चेयर ऑफ जियोस्पेशियल टेक्नॉलोजी के गठन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश की तरक्की को और गति प्रदान करने के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए. उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे जीवन में भले ही जो कुछ बनना चाहें , लेकिन उन्हें अपनी मातृभूमि को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि वे ही कल के भारत के निर्माता हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि चूंकि विद्यार्थी असीमित अवसर एवं संभावनाओं की दुनिया में कदम रख रहे हैं, इसलिए उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वे अवसरों को सफलता तथा संभावनाओं को हकीकत में तब्दील करने में समर्थ हैं. उन्होंने कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि वे अर्जित ज्ञान का मानवता की सेवा में भी इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने उनसे अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं में महात्मा गांधी के ‘सर्वोदय’ के संदेश को शामिल करने की अपील की. (भाषा)