VIDEO: राजस्थान में 400 किलोमीटर के चीता लैंडस्केप की तैयारी, धौलपुर से रावतभाटा तक चीतों की होगी बसावट, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में धौलपुर से रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के चीता लैंडस्केप की तैयारी की जा रही है. इस परियोजना के अंतर्गत चीतों की बसावट को लेकर वन विभाग मध्य प्रदेश के साथ जल्द ही एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) करने की योजना बना रहा है. इसके तहत 29 नवंबर को रणभंभौर में बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वन्य जीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय, एपीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) राजेश गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. दरअसल राज्य सरकार ने बजट में भी चीता लैंडस्केप को लेकर घोषणा की थी. इसके बाद दो बार मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारी मिल चुके हैं. अब 29 नवंबर को रणथंभौर में मीटिंग में दोनों प्रदेशों के वन अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ भी उपस्थित रहेंगे.

इस दौरान एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर MoU का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. राजस्थान सरकार ने बजट में चीतों की बसावट के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की थी, जिसमें गांधी सागर अभयारण्य, भैंसरोडगढ़ अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ और चम्बल अभयारण्य को कूनो नेशनल पार्क से जोड़ने की योजना शामिल है. इसके साथ ही चीतों के विचरण के लिए कॉरिडोर और सफारी बनाने की भी योजना है. मध्य प्रदेश के अधिकारियों के साथ पहले भी वार्ता हो चुकी है, और अक्टूबर की शुरुआत में एक्सपर्ट कमेटी के गठन की घोषणा संभव है. इस परियोजना का उद्देश्य चीतों की संख्या में वृद्धि करना और उनके प्राकृतिक हैबिटेट को सुरक्षित करना है.

राजस्थान में 400 किलोमीटर के चीता लैंडस्केप की तैयारी:
-धौलपुर से रावतभाटा तक चीतों की होगी बसावट
-वन विभाग एमपी के साथ जल्द एमओयू की कर रहा तैयारी
-29 नवंबर को होगी चीता लैंडस्केप को लेकर मीटिंग
-राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक
-राजस्थान के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव)
-मध्य प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव)
-मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक रणथंभौर व  मुकुंदरा
-संचालक सिंह परियोजना चीता प्रोजेक्ट शिवपुरी मध्य प्रदेश 
-वन मंडल अधिकारी कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर
-डीसीएफ रणथंभौर, करौली, मुकुंदरा, कोटा, चित्तौड़ और बारां
-राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के राजस्थान व एमपी के प्रतिनिधि
-राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि 
-और भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के प्रतिनिधि बैठक में होंगे शामिल
-जल्द किया जाएगा एक्सपर्ट कमेटी का गठन, रिपोर्ट आने पर एमओयू का ड्राफ्ट होगा तैयार
-राजस्थान में चीतों की बसावट को लेकर बजट में भी की गई थी अहम घोषणा
-गांधी सागर अभयारण्य एवं भैंसरोडगढ़ अभयारण्य-चित्तौड़गढ़ 
-एवं चम्बल अभयारण्य को कूनो नेशनल पार्क से जोड़ेंगे
-चीते के विचरण के लिए corridor एवं सफारी बनाने की योजना
-मध्यप्रदेश के साथ MoU करते हुए feasibility study भी करवाएंगे
-PCCF & CWLW पवन उपाध्याय पहले भी मध्य प्रदेश के CWLW से कर चुके हैं वार्ता
-अक्टूबर की शुरुआत में एक्सपर्ट कमिटी के गठन की घोषणा संभव

इस बैठक में चीता संरक्षण के व्यावहारिक अध्ययन के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एमओयू पर चर्चा होगी. राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य तथा दोनों राज्यों के निकटवर्ती क्षेत्र के संयुक्त पर्यटन मार्ग पर चर्चा होनी है. कूनो व रणथंभौर में संयुक्त पर्यटन मार्गों की संभावनाओं का मूल्यांकन करने पर दोनों ओर के वन अधिकारी करेंगे चर्चा. कूनो से राजस्थान में भटक कर आने वाले चीतों के प्रबंधन पर चर्चा और चीतों के भविष्य के प्रवास के लिए सुधार के उपायों पर चर्चा होगी.