नई दिल्ली: सरकार ने भारत में बने सभी स्मार्टफोन में स्वदेशी रूप से विकसित नेविगेशन प्रणाली ‘नाविक’ को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सितंबर के पहले सप्ताह में हुई बैठक में मौजूद कुछ मोबाइल और चिप कंपनियों ने कहा था कि ‘नाविक’ को स्मार्टफोन में शामिल करने से अतिरिक्त लागत आएगी. उन्होंने कहा था कि स्मार्टफोन में वर्तमान चिपसेट की आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) अमेरिकी नेविगेशन प्रणाली जीपीएस और रूसी नेविगेशन प्राणली ‘ग्लोनास’ का समर्थन करने के लिए स्थापित की हुई है.
एक उपग्रह छोड़ने की योजना बनाई है:
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2024-25 में एक उपग्रह छोड़ने की योजना बनाई है जो जीपीएस और ग्लोनास का समर्थन करने वाले एल1 बैंड को सहयोग करेगी. नाविक एल5 बैंड में उपलब्ध है.
देश की निर्भरता कम करने के सरकार के उद्देश्य का हिस्सा:
उन्होंने बताया कि बैठक विचार-विमर्श के लिये बुलायी गयी थी. अभी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. इस मामले पर उद्योग के साथ आगे चर्चा की जाएगी. उद्योग के सूत्रों ने कहा कि घरेलू रूप से निर्मित स्मार्टफोन में ‘नाविक’ का समर्थन करने के लिए जनवरी 2025 की एक संभावित समयसीमा प्रस्तावित की गई है. यह प्रस्ताव विदेशी तकनीक पर देश की निर्भरता कम करने के सरकार के उद्देश्य का हिस्सा है. सोर्स-भाषा