Jaipur News: नए जयपुर में बनेगा बच्चों का नया अस्पताल ! राजधानी में जेके लोन की तर्ज पर नए अस्पताल की कवायद; जल्द मिलेगी सौगात

जयपुर: राजधानी के दक्षिण दिशा में बस रहे नए जयपुर के वाशिंदों को जल्द ही बच्चों के नए सरकारी अस्पताल की सौगात मिलेगी. प्रदेश में बच्चों के सबसे बड़े जेके लोन की तर्ज पर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि के अधीन 300 बैड का डेडिकेटेड पिडियाट्रिक एवं सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनेगा. RUHS प्रशासन ने नए अस्पताल के लिए राज्य सरकार को विस्तृत प्रस्ताव बनाकर भेजा है. आखिर क्या है बच्चों के नए अस्पताल का प्लान और मासूम मरीजों को कितना मिलेगा फायदा. 

राजधानी जयपुर समेत प्रदेश और आसपास के राज्यों के लिए बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में सिर्फ जेके लोन ही एकमात्र विकल्प है. जे के लोन अस्पताल में न सिर्फ राजस्थान, बल्कि हरियाणा, यूपी, एमपी समेत आसपास के कई अन्य राज्यों के सैंकड़ों बच्चे इलाज के लिए आते हैं. आलम ये है कि दिनोंदिन जेके लोन अस्पताल में सुविधाओं से अधिक मरीजों का भार बढता जा रहा है. ऐसे में अब राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुधीर भण्डारी ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बच्चों के नए डेडिकेटेड अस्पताल का प्रस्ताव तैयार कराया है. प्रस्ताव के तहत आरयूएचएस के पास इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं, जहां 300 से 350 बैड का बच्चों का अस्पताल शुरु किया जा सकता है. अस्पताल में जनरल पीडियाट्रिक यूनिट के अलावा बच्चों के इलाज के लिए सुपरस्पेशलिटी यूनिट भी शुरु करने का मानस है.

मरीजों के बोझ तले दबता जेके लोन अस्पताल:-
- प्रदेश के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल का रिपोर्ट कार्ड
- अस्पताल की ओपीडी में 2019 में 447549, 2021 में 286292 व
- वर्ष 2022 में अभी तक 326864 मरीज किए जा चुके है रजिस्टर्ड
- आईपीडी की बात करें तो 2019 में करीब 45000 मरीज हुए भर्ती
- 2022 में अभी तक भर्ती हुए मरीजों की संख्या पहुंच चुकी  43832
- 774 बैड क्षमता के अस्पताल में राजस्थान के अलावा यूपी, हरियाणा
- एमपी व आसपास के राज्यों के सैंकड़ों मरीज करवाते है इलाज
- मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए महसूस हो रही नए अस्पताल की जरूरत
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नए जयपुर के नए अस्पताल की ये होगी तस्वीर:- 
- 300 से 350 बैड का बनाया जाएगा बच्चों का नया अस्पताल
- अस्पताल में जनरल पीडियाट्रिक की 30-30 बैड की होगी तीन यूनिट
- इसके अलावा 100 बैड की पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर यूनिट
-30 बैड की पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी, 30 बैड की पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी
- 30 बैड की पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी व 100 बैड की नियोनेटल क्रिटिकल केयर यूनिट

सूबे के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी माना है कि जेके लोन अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है. ऐसे में वहां की व्यवस्थाएं सुचारू तरीके से संचालित होती रहे, इसके लिए जरूरी है कि जयपुर में बच्चों का एक और डेडिकेटेड अस्पताल खुले. उन्होंने आरयूएचएस के प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री से चर्चा करके जल्द ही फैसला लिया जाएगा. 

समय के साथ साथ बच्चों में भी बीमारियों का रूप भी बदलता जा रहा है. नवजात बच्चों में भी कार्डिक, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी समेत अन्य कई तरह की गंभीर बीमारियां सामने आने लगी है, जिसके चलते चिकित्सक भी मानते है कि अब वक्त सुपरस्पेशलिटी का है. बच्चों में तरह तरह के रोगों का बेहतर इलाज सुपरस्पेशलिटी के जरिए किया जा सकता है. ऐसे में उम्मीद है कि RUHS के प्रस्ताव पर जल्द मुहर लगेगी....ताकि ना सिर्फ जेके लोन अस्पताल पर मरीजों का भार कम होगा, बल्कि मासूम मरीजों को भी इलाज के बेहतर ऑप्शन मिल पाएंगे.