जालोर: जिले के सांचौर उपखंड के सिद्धेश्वर गांव में स्थित प्राचीन मंदिर श्री सती दाक्षायणी माताजी मंदिर (Sati Mata Mandir) में भी नवरात्रि को लेकर लगातार श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. हजारों साल पुराने इस मंदिर का इतिहास भी बहुत पुराना है. नवरात्रि में 370 दीपक पूरे 9 दिन जलेंगे.
जालोर के सांचौर उपखंड के सिद्धेश्वर गांव में स्थित प्राचीन मंदिर श्री सती दाक्षायणी माताजी मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है. हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. नवरात्रि को लेकर मंदिर को सजाया गया है. वहीं मंदिर में प्रथम नवरात्रा से स्थापना के साथ ही श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं. हर रोज नवरात्रि में बड़ी संख्या में लोग दर्शन कर रहे हैं. साथ ही मन्नत भी मांग रहे हैं. मंदिर परिसर में ही नवरात्रि को लेकर 370 दीपक भी जल रहे हैं.
प्रथम नवरात्रि का पर्व शुरू होने से लेकर पूरे नवरात्रि में 370 घी के दीपक दिन-रात जल रहे हैं जो अलग-अलग श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए हैं. प्राचीन श्री सती दाक्षायणी मंदिर हजारों साल पुराना मंदिर है. जिस पर मोहम्मद गजनवी ने जब हिन्दुस्तान में मंदिरों पर आक्रमण किया था तब इस मंदिर पर भी आक्रमण किया था. जिससे मूर्ति खंडित हो गई थी. आज भी हजारों साल पुरानी मूर्ति मंदिर में विराजमान है. प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर होने से हर साल राजस्थान ही नहीं गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं.
माताजी की मूर्ति के तीन स्वरूप:
मंदिर में विराजमान माताजी की मूर्ति में एक दिन में तीन स्वरूप के दर्शन होते हैं. बाल रूप, कुमारी रूप और प्रौढ़ रूप में दर्शन होते हैं. 1981 में मंदिर का नवनिर्माण शुरू किया गया था जो 2003 में पूरा हुआ. जिससे भव्य मंदिर का निर्माण हुआ. सिद्वेश्वर में स्थिति प्राचीन माताजी मंदिर श्री सती दाक्षायणी मंदिर को नवरात्रि पर्व के लिए सजाया गया है. वहीं मंदिर में होने वाली आरती में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं और हर रोज दिनभर लोग दर्शन के लिए भी पहुँचते हैं.