जयपुर: नई पीढ़ी जाने भारतीय संविधान के निर्माण और सफर के बारे में इसी कोशिश में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने राजस्थान की विधानसभा में संविधान दीर्घा का निर्माण किया. संविधान दीर्घा में मूल संविधान के बाईस भागों के आरम्भ में दर्शायी गयी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है.. देवनानी ने बताया कि संविधान दीर्घा का उद्देश्य आमजन और युवाओं में राष्ट्र और राष्ट्र के संविधान का बोध कराने के साथ ही संविधान और सांस्कृतिक नैतिकता के प्रति जागरुकता लाना है. संविधान के प्रति अश्रद्धा पैदा ना करें. राजस्थान विधान सभा में पहली बार मनाया गया संविधान दिवस.
राजस्थान की विधानसभा लगातार अपने गौरव में चार चांद लगाती जा रही है डिजिटल म्यूजियम में संविधान दीर्घा का निर्माण नवाचार से जुड़ा बड़ा कदम है. विधान सभा में संविधान दिवस पर समारोह आयोजित किया गया. राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में संविधान दीर्घा का लोकार्पण किया हुआ.स्पीकर वासुदेव देवनानी ने की पहल.
--क्या है संविधान दीर्घा--
- 75 वर्ष के संविधान यात्रा और लोकतंत्र की मूल भावना को प्रदर्शित किया गया
- संविधान दीर्घा राष्ट्र और संविधान का बोध कराती है
- मूल संविधान के बाईस भागों के आरम्भ में प्रदर्शित कला-कृतियों का दीर्घा में लगाया गया है
- मूल संविधान में रामायण से राम व माता सीता का चित्रण
- लक्ष्मण के वनवास से घर आने के दृश्य
- कृष्ण द्वारा अर्जुन को कुरुक्षेत्र में दिये गये गीता के उपदेशों के दृश्यों को दर्शाया गया
- महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर के जीवन से संबंधित गाथा
- सम्राट अशोक व विक्रमादित्य के चित्री को दीर्घा में लगाया गया
- छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविन्द सिंह और रानी लक्ष्मी बाई के चित्रों को भी मूल संविधान से ही लिया गया
- महात्मा गांधी के दाण्डी मार्च में दशाये गये स्वतंत्रता संग्राम के दृश्य को भी दीर्घा में प्रदर्शित किया गया
- मूल संविधान में उल्लेखित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की चित्रमय गाथा प्रदर्शित की गई
- संविधान सभा के महत्वपूर्ण तथ्य राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान पर निर्णय
- संविधान के हिंदी संस्करण का प्रमाणीकरण
- संविधान सभा के माननीय सदस्यों द्वारा संविधान पर हस्ताक्षर
- संविधान सभा की शपथ और संविधान सभा में राजस्थान को प्रमुखता से चित्रित किया गया
स्पीकर देवनानी ने बताया कि संविधान दीर्घा का उद्देश्य आमजन और युवाओं में राष्ट्र और राष्ट्र के संविधान का बोध कराने के साथ ही संविधान और सांस्कृतिक नैतिकता के प्रति जागरुकता लाना है..देवनानी ने अधिवक्ताओं का आवहान किया कि वे संविधान प्रदत्त अधिकारों की पालना कराने में सहयोगी बनें. संविधान की आत्मा और डॉ. अंबेडकर की अपेक्षाओं के अनुरूप आज के समय की आवश्यकता के अनुसार लोगों को शीघ्र न्याय मिले, सस्ता न्याय मिले, संविधान की रक्षा हो, संविधान में निष्ठा हो और हम सभी असवैधानिक कार्यों से बचें. उन्होंने समाज और राष्ट्र हित में कार्य करने के लिए कहा देवनानी ने सभी को संविधान की प्रतियां भेंट की इस अवसर पर संसदीय कार्यबौर विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विधान सभा जैसे पवित्र स्थल पर पहली बार आयोजित संविधान दिवस समारोह महत्वपूर्ण है.. संविधान की मूल भावना जनसेवा है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि राष्ट्र की वायु, धरती और पानी पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का अधिकार है.
संविधान दिवस पर आयोजित समारोह में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद, अतिरिक्त महाधिवक्ता बसत छाबा, वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर समेत अधिवक्तागण, विधि महाविद्यालय के विद्यार्थी और राजस्थान विधान सभा के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.