जयपुर: राज्य सरकार ने खनन पट्टों से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 27 स्थानों के 53 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है. रॉयल्टी नाकों की ऑनलाईन नीलामी भारत सरकार के ई-पोर्टल पर आज से 21 अक्टूबर तक होगी. ई-नीलामी की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के पोर्टल पर देखी जा सकती है. उम्मीद की जा रही है कि रॉयल्टी ठेकों से सरकार को एक हजार करोड़ से ज्यादा राजस्व मिलेगा.
400 करोड़ रु. आरक्षित राशि के 53 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी आज से शुरु
-आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी फण्ड की होगी वसूली
-27 खनि अभियंताओं के क्षेत्राधिकार मेंमाइनर मिनरल्स ठेकों की रायल्टी होगी वसूली
राजस्व के मोर्चे पर नए कीर्तिमान रच रहा खान विभाग अब रॉयल्टी ठेकों से खजाना भरने जा रहा है. खान एवं पेट्रोलियम विभाग के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों से निकाले जाने वाले खनिज पर वसूल किए जाने वाले रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (आरसीसी), एक्सेस रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (ईआरसीसी), जिला स्तरीय मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी), राज्य स्तरीय मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (आरएसएमईटी) आदि के लिए दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 400 करोड़ रुपए से अधिक की आरक्षित राशि के इन ठेकों की ई-नीलामी सूूचना 8 अक्टूबर को जारी कर दी गई थी. आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी और आरएसएमईटी वसूली के यह ठेकें विभिन्न जिलों में 27 खनि अभियंताओं, सहायक खनि अभियंताओं के क्षेत्राधिकार की खानों से राजस्व वसूली से संबंधित हैं. इनमें जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बाड़मेर, सिरोही, नागौर, भीलवाड़ा, झुन्झुनू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, निम्बाहेड़ा, आमेट, कोटा, करौली, सोजत सिटी, ब्यावर, बूंदी, चित्तोडगढ़, दौसा, कोटपूतली, अलवर, डूंगरपुर, राजसमंद, झालावाड, बारां, चुरु, रुपवास, रामगंजमण्डी, जैसलमेर व टोंक जिले में स्थित खननपट्टों, क्वारी लाईसेंसों, व परमिट क्षेत्रों में विभिन्न खनिजों की रॉयल्टी आदि वसूली से संबंधित हैं. एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह ठेके मुख्यतः माइनर मिनरल्स ग्रेनाइट, जिप्सम, मारबल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फैल्सपार, केलस्टाइन, सोपस्टोन, सिलिका सेंड, चेजा पत्थर, डाइमेंशनल स्टोन, केओलिन, रायोलाइट, रेड ऑका, येलो ऑकर, पट्टी कातला, चायना क्ले, वाइट क्ले, साधारण खडिया आदि की खानों से आरआरसी, ईआरआरसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं. ई-प्लेटफार्म पर पारदर्शी व्यवस्था से नीलामी से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राजस्व वृद्धि की भी संभावना हो जाती है. नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि देश-दुनियां में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति इस ई-नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सके इसके लिए माइंस विभाग ने ई-ऑक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से राज्य के 53 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी के लिए विभागीय वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी के साथ ही भारत सरकार द्वारा खनिजों के नीलामी के ऑनलाईन एमएसटीसी पोर्टल पर ई-नीलामी की जानकारी उपलब्ध कराई गई है. ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा वहीं पहले से पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या कंपनी को दुबारा पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी. निदेशक प्रदीप गवांडे ने बताया कि करोड़ रु. से अधिक की आरक्षित राशि के इन रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी 19, 20 व 21 अक्टूबर को रखी गई है. इन रॉयल्टी ठेकोें की नीलामी की विस्तृत जानकारी में ठेकों से संबंधित शर्तें, नियम, प्रक्रिया आदि विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के पोर्टल पर भी देखी जा सकती है. ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए ही विभाग ने भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से नीलामी की व्यवस्था की है. निदेशक गवांडे ने बताया कि दस करोड़ रु. से अधिक की बिड राशि के ठेकों में ठेकेदार को स्वयं के खर्चें पर कम्प्यूटराइज्ड तुला यंत्र यानी की कम्प्यूटरीकृत तुलाई मशीन लगानी होगा.