गुवाहाटी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असम की अपनी दो दिवसीय यात्रा के आखिरी दिन शुक्रवार को गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत शिखर पर स्थित 51 शक्ति पीठों में से एक प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस मौके पर राष्ट्रपति के साथ असम के राज्यपाल जगदीश मुखी, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे.
शक्ति पीठ के एक पुजारी ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति और उनकी बेटी ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा की और मंदिर की ‘परिक्रमा’ लगाई. चूंकि, दिन के दौरान राष्ट्रपति के कई कार्यक्रम निर्धारित हैं, इसलिए उनके साथ बातचीत का मौका नहीं मिला.’’ इस साल की शुरुआत में मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान गुवाहाटी की अपनी यात्रा के दौरान कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. राष्ट्रपति विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी और दिन में डिजिटल माध्यम से कई परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगी. वह आधुनिक सुविधाओं से युक्त आदर्श ‘आंगनवाड़ी’ केंद्रों और सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने से जुड़ी ‘मिशन सौभाग्य’ योजना का शुभारंभ करेंगी. मुर्मू सिलचर के मोइनारबॉन्ड में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के रेल-फेड पेट्रोलियम स्टोरेज डिपो का उद्घाटन करेंगी. वह असम के चाय बागान क्षेत्रों में 100 आदर्श माध्यमिक विद्यालयों की आधारशिला रखेंगी.
इसके अलावा, राष्ट्रपति गुवाहाटी के अघोरी में दो राजमार्ग परियोजनाओं और एक आधुनिक कार्गो-सह-कोचिंग टर्मिनल का भी उद्घाटन करेंगी. वह गुवाहाटी से लुमडिंग, शोखुवी (नगालैंड) और मंडीपाथर (मेघालय) तक एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगी. राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली असम यात्रा के तहत मुर्मू बृहस्पतिवार को गुवाहाटी पहुंची थीं. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया था और आधारशिला रखी थी. उन्होंने बाद में शाम को राज्य सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक स्वागत समारोह में हिस्सा लिया था. सोर्स- भाषा