जयपुर: सीएस उषा शर्मा ने वन अधिकार प्रकरणों को निपटारे के लिए 3 माह का अल्टीमेटम दिया है. सचिवालय में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएस ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना में वनाधिकार के निरस्त किए गए प्रकरणों में प्रार्थी को सूचना दिया जाना सुनिश्चित कर सुनवाई का मौका दें. साथ ही उन्होंने सभी निरस्त प्रकरणों की उपखंड और जिला स्तर पर पुनर्समीक्षा के निर्देश दिए.
सचिवालय में सीएस उषा शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने वन अधिकार प्रकरणों के सौ फीसदी निपटारे के निर्देश दिए. 31 अक्टूबर 2022 तक कुल एक लाख 13 हजार 899 दावे मिले. इन दावों में व्यक्तिगत 1 लाख 11 हजार 208 दावों में से एक लाख 09 हजार 534 यानि 98.49 प्रतिशत और 2 हजार 691 सामुदायिक दावों में से 2 हजार 570 यानि 95.50 प्रतिशत दावों का निपटारा हुआ.
कलेक्टर्स को सीएस ने निर्देश दिए कि निरस्त योग्य प्रकरणों के कारण स्पष्ट करते हुए उन्हें श्रेणीबद्ध किया जाए. सीएस ने निर्देश दिए कि प्रतापगढ़ और बारा में वनाधिकार से जुड़े लंबित मामलों का समय पर निपटारा किया जाए. उन्होंने कहा कि वनाधिकार के प्रकरणों की प्रविष्टि एमआईएस पोर्टल पर दर्ज की जाए. स्वीकृत वन अधिकार पत्रों के राजस्व रिकॉर्ड में अंकन करने का कार्य भी शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश.
सभी निरस्त प्रकरणों की उपखंड और जिला स्तर पर पुनर्समीक्षा के निर्देश:
सभी निरस्त प्रकरणों की उपखंड और जिला स्तर पर पुनर्समीक्षा के निर्देश. ये निर्देश दिए कि वनाधिकार के निरस्त किए गए प्रकरणों में प्रार्थी को सूचना दिया जाना जरूरी है और उसका दावा किन कारणों से खारिज किया गया है, यह भी प्रार्थी को बताया जाए. कोई भी छोटे-मोटे कारण हों तो दावेदार को बुलाकर उस कार्य को पूरा कराया जाना चाहिए जिससे दावेदार को वनाधिकार का लाभ मिल सके. वनाधिकार दावों की स्थिति,जारी अधिकार पत्रों की संख्या, स्वीकृत व्यक्तिगत वनाधिकार पत्रों की राजस्व रिकॉर्ड में अंकन की जिलेवार स्थिति के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया.