जयपुर: चुनावी साल में लगातार दौरों की जरूरत के बीच राज्य सरकार की नए सरकारी विमान और हैलीकॉप्टर खरीद की योजना ठंडे बस्ते में जा रही है. इसे लेकर कंपनियों के प्रजेंटेशन के बाद पूरी प्रक्रिया में वक्त लगने से फिलहाल इस योजना के साकार होने के आसार नहीं है. ऐसे में सरकार को चुनावी दौरों में किराये के एयरक्राफ्ट से ही काम चलाना पड़ सकता है.
सीएम गहलोत सहित अन्य मंत्रियों के बाहरी सरकारी कार्यक्रमों और चुनावी साल में दौरों की अधिकता के मद्देनजर एक सरकारी हैलीकॉप्टर और एक विमान खरीदने की योजना सिविल एविएशन विभाग ने बनाई.
क्यों है जरूरत ?
- खास तौर से राज्यपाल के किसी भी दौरे पर जाते वक्त स्टाफ की जरूरत अनुसार 12 सीटर विमान की डिमांड की जाती रही है.
- आम चुनाव में करीब 1 साल होने से करीब 10 सीटर हेलीकॉप्टर की महसूस की जा रही है जरूरत
- सरकार के पास इससे पहले 4 सीटर और सिंगल इंजन वाले हैलीकॉप्टर थे.
- उन हैलीकॉप्टर की खामियां को देखते हुए ही इस बार मल्टी टरबाइन इंजन हैलीकॉप्टर खरीद की प्रक्रिया की थी शुरू.
क्या हुई अब तक प्रक्रिया ?
- एक 12 सीटर जेट विमान और 10 सीटर मल्टी टरबाइन इंजन हैलीकॉप्टर खरीदने को लेकर की गई शुरुआती प्रक्रिया.
- नए जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर के लिए कई कंपनियों से लिया गया प्रजेंटेशन.
- दो दौर में करीब 9 कंपनियों ने दिया प्रजेंटेशन.
- बिडिंग की पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए जिस भी कंपनी के अच्छे फीचर के साथ कम कीमत हो,उसे खरीद का था प्लान.
- वीवीआईपी 12 सीटर जेट विमान की खरीद थी प्रस्तावित.
- अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन इंजन हैलीकॉप्टर की खरीद का था प्रस्ताव.
- इसके जरिये वीवीआईपी दौरों की जरूरत हो सकती थी पूरी.
क्या थी कीमत ?
- वीवीआईपी 12 सीटर जेट विमान की कीमत 200-250 करोड़ है.
- 10 सीटर हेलीकॉप्टर की कीमत करीब 100 करोड़ बताई जाती है.
क्या आ रही कठिनाइयां:-
- प्रजेंटेशन के बाद पूर्व में जेट श्रेणी का विमान फाल्कन आया था पसंद.
- इसकी कंपनी राफाल बनाने वाली डेशो है जो किसी भी सूरत में दो साल तक नहीं कर पाएगी डिलीवरी.
- वहीं अगस्ता 169 हैलीकॉप्टर भी एक पसंद मानी जाती रही है जिसकी डिलीवरी में 6 माह का लग सकता समय.
- वहीं टेंडरिंग और वित्त विभाग की सहमति जैसी औपचारिकता करने में 1 से 3 माह का लग सकता समय.
क्या है विकल्प ?
- ऐसे में अन्य विकल्प के रूप में हरियाणा और यूपी जैसे बी 200 विमान के लेटेस्ट वर्जन के रूप में बी 250 की हो सकती खरीद.
- इस 7-9 सीटर विमान की डिलीवरी हो सकती 3 माह में.
- हालांकि इस बार सरकार का मंसूबा वैकल्पिक उपाय के बजाय समस्या का स्थायी समाधान करते हुए जेट विमान और अगस्ता 169 जैसा हैलीकॉप्टर लेने पर था जोर.
- ज्यादा राशि और प्रक्रिया में समय लगने की दिक्कतों के मद्देनजर फिलहाल यह मसला टला हुआ माना जा रहा है.
इन कबाड़ वायुयानों का हुआ बेचान:-
- अगस्ता हेलीकॉप्टर की रिजर्व प्राइस ढाई करोड़ थी , जबकि 7.55 करोड़ में नीलामी हुई.
- वहीं बी 200 की रिजर्व प्राइस 9 करोड़ रखी गई थी जो 18.50 करोड़ में नीलामी हुई.
पूर्व में राज्य के पास एक अगस्ता हेलिकॉप्टर था जो कि 2011 में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद खराब हालत में स्टेट हैंगर पर 10 वर्ष तक खड़ा रहने के बाद बिका. इसके बाद सरकार को जरूरत होने पर निजी कंपनियों से किराए पर विमान लेना पड़ता था. अब जब यह भी मुफीद नहीं लगा तब सरकार ने 6 माह के लिए हैलीकॉप्टर किराये पर लिया है लेकिन अब इस समस्या के स्थायी समाधान का इंतजार है.