फिल्म मेरी प्यारी निक्की के साथ सपने देखने को हिम्मत कर रहे हैं Rajeev Singh, शेयर की अपनी जर्नी की यादें

फिल्म मेरी प्यारी निक्की के साथ सपने देखने को हिम्मत कर रहे हैं Rajeev Singh, शेयर की अपनी जर्नी की यादें

मुंबई : मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम बनाना तब मुश्किल हो जाता है जब आप अपने दम पर खड़े होते हैं. बहुत सारे ए-लिस्टर्स ऐसे होंगे जो आज इस भावना के साथ अटैच नहीं करते लेकिन सपने और आकांक्षाओं के साथ बिहार के एक छोटे से शहर से आए फिल्म निर्माता राजीव सिंह कर सकते हैं. जबकि उन्हें कई प्रसिद्ध हॉलीवुड फिल्मों के विजुअल अफेक्ट डिपार्टमेंट में काम करने का अनुभव है, राजीव अपनी फिल्में बनाने के लिए भारत वापस आ गए. आज उन्हें अपनी मेहनत मेरी प्यारी निक्की की रिलीज का इंतजार है. सिटी फर्स्ट के साथ बैठकर उन्होंने अपनी जर्नी के बारे में बहुत सी चीजे शेयर की.

राजीव ने खुलासा किया कि उनकी फिल्म एक सस्पेंस थ्रिलर है जिसे उनके द्वारा निर्देशित, निर्मित और संपादित किया गया है. इसमें उनके साथ अंजू जाधव भी मुख्य भूमिका में हैं। 95% फिल्म में केवल दो पात्र हैं, हालांकि कुल कलाकार छह हैं. उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह एक ऐसी फिल्म है जो हर तरह के दर्शकों का मनोरंजन करेगी. मैं इसे विश्वास के साथ इसलिए कह सकता हूं क्योंकि मैंने सभी तरह के दर्शकों के साथ 15 से ज्यादा टेस्ट किए हैं और उनमें से सभी को फिल्म पसंद आई है.

अभिनेता और फिल्म निर्माता ने खुलासा किया कि उन्हें मनोरंजन उद्योग से ही फिल्म की प्रेरणा मिली. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कोई बाहरी व्यक्ति आया और लीक से हटकर एक अपरंपरागत फिल्म बनाई. मैंने कहानी पर काम किया है ताकि यह इंडस्ट्री के भीतर पूरी तरह फिट हो सके. जिस तरह से मैंने अब तक चीजों पर काम किया है और जिस तरह से मैंने अपनी बनाई फिल्म में अपने प्रयासों को झोंक दिया है, मुझे पता है कि यह काम करेगा और इसलिए मैंने फिल्म बनाई.

आगे उन्होंने कहा की जब से मैंने 2010 से काम करना शुरू किया है, मेरा लक्ष्य अलग-अलग कहानियों वाली फिल्में बनाने का था. मुझे हमेशा लोगों को कहानियां सुनाने का शौक था, लेकिन बात कभी नहीं बनी. कभी बजट था तो कभी एक्टर्स, फिलहाल मेरे पास 10 स्क्रिप्ट हैं. जब लॉकडाउन हुआ, तो मैंने मन ही मन सोचा कि कई हॉलीवुड फिल्म निर्माताओं ने हाई कंटेंट वाली फिल्मों के साथ छोटी शुरुआत की है इसलिए, मैंने सोचा कि मैं एक ही जगह पर एक फिल्म बनाऊंगा और समय के साथ बाकी पर काम करूंगा. मेरे पास फिल्म के दूसरे भाग की स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार है. मैंने उपलब्ध संसाधन हैं के साथ अभी एक छोटा सा पहला भाग बनाया है।

इस दौरान राजीव ने अभिनेताओं को काम पर रखने के लिए एक दिन में 15 स्टोरी बनाने के अपने संघर्ष के बारे में बताया, उन्होंने बताया कि हर नरेशन 1.5 घंटे तक चला. उन्होंने कहा कि क्रू से लेकर फाइनेंशियल सपोर्ट तक, सभी को प्रोजेक्ट से जुड़े बड़े नामों की जरूरत है. मैं हर दिन शूटिंग के लिए बाहर निकलता था, इस बात को लेकर अनिश्चित था कि हम इसे पूरा कर पाएंगे या नहीं. मुझे हमेशा इस बात का डर रहता था कि प्रोजेक्ट बीच में ही रुक जाएगा और मैं इसे पूरा नहीं कर पाऊंगा. अगर ऐसा होता तो मेरी 12 साल की यात्रा बर्बाद हो जाती और मैं अपनी सारी उम्मीद खो देता.

बता दें कि वह केवल एक चीज की विश करते हैं, वह है इंडस्ट्री में एक सुधार ताकि यह बाहरी लोगों के लिए मददगार साबित हो सके.