जयपुर: प्रदेश में फिटनेस सेंटरों की मनमानी के सामने परिवहन विभाग बौना साबित नजर आ रहा है. फिटनेस सेंटरों पर बिना गाड़ियों के पहुंचे ही वाहनों की फिटनेस जारी हो रही है. तमाम शिकायतों के बावजूद परिवहन विभाग फिटनेस सेंटर पर कार्रवाई करने को लेकर मूकदर्शक बना हुआ है.
प्रदेश में हर महीने सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गवा रहे हैं. प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर दुर्घटनाएं बड़े वाहनों के कारण हो रही हैं. कई दुर्घटनाओं में यह सामने आया है कि वाहनों की फिटनेस पूरी नहीं होने के कारण सड़क हादसा हुआ है. इसके बावजूद प्रदेश में फिटनेस सेंटरों की मनमानी रोकने में परिवहन विभाग फेल साबित हो रहा है. विभाग ने जब से फिटनेस सेंटरों को काम निजी हाथों में सौंपा है तब से ही फ़िटनेस सेंटरों की मनमानी के किस्से आम है. जयपुर से लेकर जालौर तक और पाली से लेकर भरतपुर तक हर जगह फिटनेस सेंटर खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. लेकिन विभाग की कार्रवाई ऊंट के मुंह मे जीरे के समान ही साबित हो रही है. बिना वाहनों के सेंटर पर पहुंचे फिटनेस जारी करने से अनफिट बसें और ट्रॅक जैसे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं और दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं. विभाग इन सेंटरों पर कार्रवाई को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग ने क़रीब 1 साल से अधिक समय से किसी भी फिटनेस सेंटर की मान्यता निरस्त नहीं की है. कार्रवाई के नाम पर कभी कभार फिटनेस सेंटरों को नोटिस दे कर परिवहन विभाग खानापूर्ति कर रहा है.
कैसे नियमों का मजाक बना रहे हैं फिटनेस सेंटर संचालक
1- बिना गाड़ियों के फिटनेस सेंटर पर पहुंचे गाड़ियों की फिटनेस जारी हो रही है
2- मोबाईल में गाड़ी का वीडियो देख कर फिटनेस जारी की जा रही है
3- लाईव रिकॉर्डिंग की सीडी DTO कार्यालयों में नहीं दी जा रही है
4- फ़िटनेस के लिए वाहनों से 1 हजार से लेकर 3 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं
5- कई जगहों पर तो सीसीटीवी कैमरों को भी बंद करने की शिकायतें भी आ रहीं हैं
प्रदेश में संचालित अधिकतर फिटनेस सेंटर या तो राजनीति से संबंध रखने वाले लोगों के हैं. या ऊंचे रसूख वाले लोगों के यही कारण है कि इन सेंटरों पर कार्रवाई करने से पहले परिवहन विभाग को 100 बार सोचना पड़ता है. विभाग के स्तर पर एक बड़ी कमी यह भी है कि विभाग रेंडम स्तर पर बिना शिकायत के कभी इन फिटनेस सेंटरों पर पहल करके छापामार कार्रवाई जैसा कोई एक्शन नहीं लेता है. जिससे फिटनेस सेंटरों को मनमानी करने का सरंक्षण मिलता जा रहा है. अगर समय समय पर परिवहन मुख्यालय की ओर से फिटनेस सेंटरों की जांच की जाए तो फिटनेस सेंटरों की मनमानी में काफी कमी आ सकती है. विभाग की उदासीनता के कारण फिटनेस सेंटर संचालकों में कार्रवाई का डर खत्म हो गया है. यही कारण है कि तमाम नियमों के बनने के बाद भी फिटनेस सेंटर अपनी मनमानी बंद नहीं कर रहे हैं. जयपुर और जयपुर ग्रामीण के फिटमेस सेंटरों की मनमानी की शिकायतें भी आम हैं लेकिन बीते काफी समय से किसी फिटनेस सेंटर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
परिवहन विभाग के स्तर पर कौन सी कमियों के कारण बढ़ रही है फिटनेस सेंटरों की मनमानी
1- विभाग के सभी DTO के पास अपने ऑफिस में फिटनेस सेंटरों में फिटनेस की प्रक्रिया देखने का लाईव लिंक है,,,लेकिन अधिकतर DTO इस लिंक का प्रयोग नहीं कर रहे हैं
2- लिंक से रिकॉर्डिंग नहीं देखने वाले डीटीओ की जिम्मेदारी विभाग तय नहीं कर पा रहा है
3-बिना शिकायत के परिवहन विभाग डेडिकेटेड टीम भेज कर कभी फिटनेस सेंटरों की जांच नहीं करता है
4- फिटनेस सेंटर के बारे में शिकायत मिलने के बाद भी विभाग की ओर से त्वरित कोई कार्रवाई नहीं होती
5-फिटनेस सेंटरों की शिकायत के लिए विभाग ने अलग से कोई शिकायत नंबर या मेल आईडी नहीं जारी की है