नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि दुनिया भारत को उन देशों की आवाज के रूप में देखती है, जो बदलती वैश्विक व्यवस्था में पीछे छूट गए हैं. बिरला ने आकाशवाणी पर राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा कि भारत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान 150 से अधिक देशों को टीके व अन्य सहायता उपलब्ध कराकर यह सम्मान हासिल किया है.
उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है. भारत ने न सिर्फ अपने लोगों की परवाह की, बल्कि जरूरत के समय में अन्य देशों के साथ भी खड़ा हुआ. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया इसे भारत की ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ (टीका कूटनीति) कहती है, लेकिन हमारे लिए यह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का सिद्धांत है, जो हमारे और उनके बीच अंतर नहीं करता.उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता विश्व पटल पर देश के बढ़ते कद का प्रमाण है.
देशों के विचारों को प्रभावी ढंग से रख सकता है:
बिरला ने कहा कि यह हमारी भारतीयता की ताकत है कि विश्व पटल पर देश की आवाज को गंभीरता से सुना जाता है. भारत के ‘अमृत काल’ की विशेषता यह है कि दुनिया भारत के विचारों को स्वीकार करती है. उन्होंने कहा कि दुनिया का मानना है कि भारत विश्व मंच पर उन देशों के विचारों को प्रभावी ढंग से रख सकता है, जो बदलती वैश्विक व्यवस्था में पीछे छूट गए हैं. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 में भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक की 25 साल की अवधि को ‘अमृत काल’ के रूप में वर्णित किया था. सोर्स-भाषा