जयपुर: आयोजना विभाग ने राजकाज के सही संचालन के लिए रूल्स ऑफ बिजनेस जारी कर दिए हैं. इसके तहत ऋण माफ करने,पीपीपी प्रोजेक्ट्स क्रियान्वयन और 500 करोड के ऊपर क प्रोजेक्ट्स की मंजूरी,पॉलिसी क्रियान्वयन के लिए थिंकटैंक, बीस सूत्रीय कार्यक्रम, नए कानून बनाने या पुराने में संशोधन,जन आधार और वीआईपी संबंधी,HOD नियुक्ति सहित कई अहम नीतिगत बिंदुओं की फाइलें मंजूर करने के लिए सीएम के पास जाएंगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आयोजना विभाग के अलग-अलग कामों की फाइलों का चैनल तय करते हुए स्टेंडिंग ऑर्डर जारी कर दिए हैं.
इन बिंदुओं की फाइल्स जाएंगी सीएम तक:
-इंटर स्टेट कोंसिल,उसकी स्टैंडिंग कमेटी की बैठकों की फाइलें
-नॉर्थर्न जोनल कौंसिल,उसकी स्टैंडिंग कमेटी की बैठकों की फाइलें
-भारत सरकार में ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रीज की बैठकों की फाइलें
-केन्द्र और राज्य के संबंधों से जुड़े आयोगों से जुड़ी फाइलें
-ओटीएस 2019 की ऋण माफी योजना से जुडी फंड पॉलिसी की फाइलें
-विदेश में ट्रेनिंग को मंजूरी देने संबंधी फाइलें
-विदेश में किसी कार्य संबंधी नामित करने के लिए आवेदन संबंधी फाइलें
-पीपीपी प्रोजेक्ट्स क्रियान्वयन के लिए संस्थागत मैकेनिज्म संबंधी फाइलें
-500 करोड के ऊपर क प्रोजेक्ट्स की मंजूरी
-पीडीकोर के बोर्ड में चेयरमैन नामित करने संबंधी फाइलें
-पीडीकोर संबंधी पॉलिसी निर्णय संबंधी फाइलें
-पॉलिसी इनपुट उपलब्ध कराने के लिए सीएम की अध्यक्षता में थिंकटैंक के रूप में भूमिका निभाने वाले कौंसिल का गठन
-कौंसिल की बैठकों का आयोजन करने संबंधी फाइलें
-मौजूदा कानून में संशोधन या नया कानून बनाने संबंधी फाइलें.
-जन आधार,वीआईपी संबंधी पॉलिसी निर्णय लेने संबंधी फाइलें
-एचओडी की नियुक्ति और ट्रांसफर संबंधी फाइलें
-गजेटेड स्टाफ के विदेश में डेप्यूटेशन संबंधी फाइलें
-स्टेट एडिटोरियल बोर्ड के गठन संबंधी फाइलें
-जिला गजेटियर्स के ड्राफ्ट की मंजूरी संबंधी फाइलें
सरकार की रीति-नीति लागू करने के सारे काम की जिम्मेदारी आयोजना विभाग की ही होती है और ऐसे में इसका कार्य संचालन निर्धारित करके सरकारी मशीनरी का मैकेनिज्म विकसित हो सकेगा.